रायपुर (khabargali) जूनियर डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है। पिछले 6 दिनों से जारी इस हड़ताल को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है । आज देर शाम मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन रायपुर का प्रतिनिधिमंडल अपनी मांगों को लेकर मिला। विस्तृत बातचीत में मुख्यमंत्री जी ने जूनियर डॉक्टर के सभी मुद्दों पर चर्चा की और मुद्दों के सकारात्मक हल के लिए जूडो सदस्यों से अलग-अलग बातचीत और सुझाव लिए । जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन से सभी स्तरों पर सकारात्मक चर्चा हुई है और उनके मुद्दों को सहानुभूति पूर्वक हल निकालने के लिए स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया है।
बताते चलें कि देर शाम इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डा.राकेश गुप्ता और कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला अंबेडकर अस्पताल पहुंचे थे। उन्होने समझाइश दी कि हड़ताल खत्म किए बगैर बातचीत संभव नहीं हैं। डॉक्टरों की बातचीत मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के साथ होगी और उन्हे पूरा भरोसा है कि सकारात्मक परिणाम आयेंगे। मरीजों व आम लोगों की समस्याओं का भी ध्यान डॉक्टरों को दिलाया गया और सहमति बन गई। प्रतिनिधियों से चर्चा के बाद हड़ताल स्थगित करने का फैसला लिया गया ।
पिछले 6 दिनों से प्रदेश के 3000 जूनियर डॉक्टर सरकारी हॉस्पिटलों में ना तो ओपीडी में शामिल हो रहे थे और ना ही किसी तरह की इमरजेंसी में काम कर रहे थे। जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ प्रेम चौधरी ने बताया कि आस-पास के स्टेट एमपी, झारखंड से भी कम मानदेय प्रदेश के जूनियर डॉक्टर्स को मिलता है। दूसरे प्रदेशों में जहां 90 हजार रुपए तक का फंड है। वहीं छत्तीसगढ़ में 50-55 हजार रुपये ही मिलते हैं।किसी भी प्रदेश में 4 साल के बॉन्ड नहीं भरवाए जाते। केवल छत्तीसगढ़ में ही ऐसा हो रहा है। बीते 4 सालों में मानदेय नहीं बढ़ाया गया है। इस वजह से मजबूरन अब हड़ताल का कदम उठाना पड़ा था।
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