प्लास्टिक कचरे के बदले भोजन देने वाली अनोखी पहल छत्तीसगढ़ के ‘गार्बेज कैफे’ को देशभर में मिली पहचान, ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री मोदी ने किया जिक्र…

Chhattisgarh's 'Garbage Cafe', a unique initiative that provides food in exchange for plastic waste, has gained nationwide recognition, and Prime Minister Modi mentioned it in 'Mann Ki Baat', khabargali

रायपुर (खबरगली) मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के विभिन्न नवाचारी कार्यों के उल्लेख को प्रदेश के प्रत्येक नागरिक के लिए गर्व का विषय बताया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम देशभर में समाज हित के कार्यों को एक मंच पर जोड़कर उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलाता है। ‘गार्बेज कैफे’ की राष्ट्रीय सराहना* मुख्यमंत्री साय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने अंबिकापुर नगर निगम की अनूठी पहल ‘गार्बेज कैफे’ की सराहना की है। इस पहल के तहत, एक किलो प्लास्टिक कचरा लाने वाले को दोपहर या रात का भोजन और आधा किलो लाने पर नाश्ता दिया जाता है। उन्होंने इसे स्वच्छता, पुनर्चक्रण और सामाजिक संवेदना का अद्भुत उदाहरण बताया।

माओवाद पर विजय और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का गर्व

मुख्यमंत्री ने कहा कि माओवादी गतिविधियों का प्रभाव कम होना और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता हर भारतीय को गर्व से भर देती है। उन्होंने कहा, “इस बार उन इलाकों में भी खुशियों के दीप जले हैं, जहाँ कभी माओवादी आतंक का अंधेरा छाया रहता था। लोग अब इस आतंक का जड़ से सफाया चाहते हैं।”

देशी नस्ल के श्वानों की भूमिका

साय ने इस बात पर भी प्रसन्नता जताई कि प्रधानमंत्री ने सुरक्षा बलों में भारतीय नस्ल के कुत्तों को शामिल करने के फैसले की सराहना की। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ के एक माओवाद प्रभावित इलाके में एक देशी कुत्ते ने 8 किलो विस्फोटक का पता लगाकर जवानों की जान बचाई, जो इनकी दक्षता को सिद्ध करता है। राष्ट्रप्रेम और पर्यावरण संरक्षण पर जोर* मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री ने ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने पर इसे उत्सव के रूप में मनाने और ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से जुड़ने का आह्वान किया। साथ ही, भगवान बिरसा मुंडा सहित स्वतंत्रता संग्राम के जनजातीय नायकों के योगदान को भी याद किया गया।  

कार्यक्रम के बाद पुंगनूर नस्ल की गायों को खिलाया चारा

‘मन की बात’ सुनने के बाद, मुख्यमंत्री साय ने आंध्र प्रदेश की दुर्लभ पुंगनूर नस्ल की गायों को चारा खिलाया और उनकी विशेषताओं के बारे में जानकारी ली। इस अवसर पर कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी भी मौजूद थे।

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