झीरम के हत्यारों पर घोषित किए लाखों के इनाम, नक्सलियों के खिलाफ एनआईए का पोस्टर वॉर

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एनआईए ने झीरम कांड में शामिल नक्‍सलियों का पोस्‍टर जारी किया , लगा रहे हैं अंदरूनी गांवों में 

दंतेवाड़ा (khabargali) करीब 6 साल पहले दरभा के झीरम में नरसंहार करने वाली नक्‍सली घटना को लेकर एनआईए (National Investigation Agency) ने पोस्टर वॉर शुरू किया गया है. झीरम कांड में शामिल नक्‍सलियों का पोस्‍टर अब गांव-गांव में चस्‍पा हो रहा है। साथ ही इनकी खबर देने वालों को इनाम की घोषणा भी है। जारी पोस्टर में नक्सलियों पर 50 हजार रुपये से 9 लाख रुपये तक के इनाम घोषित किए गए हैं. नक्सलियों की तस्वीर, पर्चे में इनाम की राशि के साथ मोबाइल नम्बर भी दिए गए हैं यह इनाम की राशि पकड़वाने पर मिलेगा, ऐसा नही। सूचना मात्र से भी सरकार उन्‍हें इनाम देने के साथ- साथ नाम- पता भी गोपनीय रखेगी। इसका उल्‍लेख उक्त पोस्‍टर में स्‍पष्‍ट है जिसे अंदरूनी गांवों में चस्‍पा किया जा रहा है।

प्रदेश कांग्रेस के सीनियर लीडरों सहित 32 लोगों की हत्‍या हुई थी

ज्ञात हो कि 25 मई 1013 में झीरम घाटी में नक्‍सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा रैली पर हमला कर प्रदेश कांग्रेस के सीनियर व टॉप लीडरों सहित 32 लोगों की हत्‍या की थी। इसमें तत्‍कालीन कांग्रेस के प्रदेश के नंदकुमार पटेल सहित उसके पुत्र, महेंद्र कर्मा, विद्या चरण शुक्‍ल और अन्‍य नेता व आम नाम नागरिक, सुरक्षा में लगे नेताओं के अंगरक्षक आदि 32 लोग मारे गए थे। जिसकी जांच के लिए स्‍थानीय स्‍तर से लेकर एसआईटी अैर एनआईए जैसी एजेंसी को नियुक्‍त किया गया। इस नरसंहार के 6 साल बीत गए, लेकिन एनआईए को इस मामले में अब तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिल रही है. इस मामले में न्यायिक जांच आयोग भी इस मामले में जांच कर रही है. अब यह जांच एजेंसी वारदात में शामिल वांटेड नक्‍सलियों की तस्‍वीर लगे पोस्‍टर गांव- गांव में चस्‍पा कर रही है।

अब तक सच नही आया सामने...

आरोप प्रत्यारोप जारी झीरम कांड के अपराधियों के चेहरे अब तक सामने नहीं आ पाए हैं। इस हमले का मुख्य टारगेट बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा थे। राजनेता एक- दूसरे पर आरोप लगा रहे है। भाजपा कुछ नेताओं ने कांग्रेसियों के नार्कों टेस्‍ट की बात भी कही वहीं पिछले दिनों जगदलपुर में छत्तीसगढ़ के मंत्री कवासी लखमा ने कहा है कि मेरा और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का नार्को टेस्ट कराया जाए, जिससे इस घटना के राजनीतिक साजिश का खुलासा हो सके। सीएम भूपेश बघेल ने भी इसी बात को दोहराया था कि इस मामले में पूर्व सीएम रमन सिंह और उनके अफसरों का नार्को टेस्ट होना चाहिए. हालांकि इस मामले में पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने कोई भी प्रतिक्रिया देने से इंकार किया है. बता दें कि बीजेपी नेता शिवनारायण द्विवेदी ने भी बिलासपुर में न्यायिक आयोग के सामने कवासी लखमा और अपना नार्को टेस्ट कराने की मांग की थी। इसी के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीतिक में आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया.

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