कालड़ा बर्न एवं प्लास्टिक कॉस्मेटिक सर्जरी सेंटर में स्किनबैंक

Skinbank, Cosmetic and Reconstructive Surgeon Dr. Sunil Kalda at Kalda Burn and Plastic Cosmetic Surgery Center, Raipur, Chhattisgarh, Khabargali

गंभीर जले हुए मरीजों को जीवनदान मिल सकेगा

रायपुर (khabargali) पचपेढ़ी नाका, कलर्स माल के आगे स्थित कालड़ा बर्न एवं प्लास्टिक कॉस्मेटिक सर्जरी सेंटर (एनएबीएच, छ.ग. शासन व छत्तीसगढ़ विधुत मंडल से मान्यता प्राप्त) को भारत सरकार व छत्तीसगढ़ शासन व्दारा 5 वर्ष के लिए स्कीन बैंक की मान्यता प्रदान की गई है। उक्त जानकारी देते हुए के कालड़ा हॉस्पीटल के संचालक व अंचल के प्रसिध्द कॉस्मेटिक व रिकन्स्ट्रटीव सर्जन डॉ. सुनील कालड़ा ने बताया कि हमारे यहां एसलूजिव स्कीन बैंक भी है जोकि संपूर्ण भारत में बहुत ही कम जगहों पर उपलध है।

स्कीन बैंक में मृत्यु उपरांत मरीजों की स्कीन को 6 घंटे के भीतर सुरक्षित निकाला जाता है और उसे 5 साल तक स्टोर कर सुरक्षित स्कीन बैंक में रखा जाता है। गंभीर व जले हुए मरीजों को स्कीन की जरूरत पड़ने पर मरीज के शरीर में लगाया जा सकता है। स्कीन बैंक में कोई भी जीवित या मृत अपनी इच्छानुसार अपनी स्कीन दान कर सकता है। त्वचा बैंक (skin bank) मरीजों के लिए वरदान साबित होगा, क्योंकि 45 प्रतिशत से ज्यादा बर्न मरीज को स्किन की जरुरत होती है. जैसे ब्लड बैंक में ब्लड को रखने के लिए तापमान निर्धारित है, वैसे ही ये स्किन बैंक के लिए भी तापमान निर्धारित है। इस स्कीम के लिए दो से चार डिग्री तापमान उपयुक्त है. स्कीन बैंक से गंभीर अत्यधिक जले मरीजों को जीवन दान मिल सकेगा।

मरीज की या उनके रिश्तेदारों की सहमति के पश्चात ही मरीज की पैर या पीठ की चमड़ी की ऊपरी परत इलेक्ट्रिकल डर्मेटोम के द्वारा निकाली जाती है, तथा निकाली गई जगह पर प्रॉपर बैंडेज किया जाता है। निकाली गई चमड़ी को 50 प्रतिशत ग्लिसरॉल में लेकर स्किन बैंक में इनक्यूबेटर में स्टोर किया जाता है, तथा कुछ जरूरी जांच की रिपोर्ट आने के बाद बायोसेफ्टी केबिनेट में स्किन मेंशर द्वारा स्किन पर छोटे-छोटे छेद बनाए जाते हैं। जिससे ग्लिसरोल तथा एंटीबायोटिक सॉल्यूशन उसमें अंदर तक जाए और स्किन में कोई संक्रमण ना हो इस प्रक्रिया के पश्चात प्रॉपर लेबल जिसमें नाम रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ फ्रीजर में 85 प्रतिशत ग्लिसरॉल में स्टोर किया जाता है। इस स्किन को लगभग 5 वर्षों तक 4 डिग्री सेंटीग्रेड पर रख सकते हैं। उन्होंने बताया कि पूर्व में भी हमारे अस्पताल में 50-60 प्रतिशत जले मरीजों को स्कीन बैंक की सहायता से बचाया जा चुका है ।

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