कल दिल्ली में किसान संसद के पास लगाएँगे अपनी अलग संसद

Khabargali desk

नई दिल्ली(khabargali)। कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों ने कहा है कि वो कल से दिल्ली में किसान संसद के पास अपनी अलग संसद लगाएँगे.भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बताया कि कल 200 लोग 4-5 बसों में सिंघू बोर्डर से दिल्ली के लिए निकलेंगे.

उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "अलग-अलग प्रदर्शन स्थलों से हमारे लोग सिंघु बोर्डर पर जमा होंगे और वहाँ से जंतर मंतर के लिए रवाना होंगे. हम ऐसा तब तक करते रहेंगे जब तक कि मॉनसून सत्र चलता रहेगा."

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किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने एएनआई से कहा, "कल किसानों की संसद लगेगी, किसानों के मुद्दों पर चर्चा होगी. शाम 5 बजे तक संसद चलेगी. इसके अगले दिन फिर 200 लोग संसद जाएंगे. जाने दिया तो संसद लगाएंगे, गिरफ़्तार किया तो ज़ेल जाएंगे."

एएनआई के अनुसार दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने किसानों को 22 जुलाई से 9 अगस्त तक सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे के बीच जंतर-मंतर पर अधिकतम 200 लोगों के साथ विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी है. इस दौरान उन्हें कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा.

बुधवार को आंदोलनकारी किसानों को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोक दल के नेता ओमप्रकाश चौटाला का भी साथ मिला.

सिंघु बोर्डर पर आंदोलनकारी किसानों से मिलने के बाद चौटाला ने कहा," कल 22 तारीख को विपक्ष के संसद सदस्य संसद का घेराव करेंगे, धरना देंगे और इकट्ठे होकर संसद में जाएंगे और काले कानून का विरोध करेंगे. ऐसे हालात पैदा कर देंगे कि सरकार को मजबूर होकर कानून वापस लेने पड़ेंगे."

आंदोलनकारी किसानों ने किसान संसद का एलान काफ़ी पहले कर दिया था और कहा था कि दिल्ली जाने वाले किसानों के पास पहचान पत्र होगा और वो पुलिस की सुरक्षा में जाएँगे,

इस साल 26 जनवरी को किसानों के दिल्ली में लाल क़िले पर जाकर विरोध करने के दौरान हिंसा हुई थी जिसे देखते हुए पुलिस इस बार सतर्क है.

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एएनआई से कहा, "हमने पर्याप्त बंदोबस्त किए हुए हैं, ड्रोन की मदद से ऊपर से नज़र रखी जा रही है और एक दंगा-विरोधी दस्ता भी तैयार रखा गया है."

पुलिस अधिकारियों ने ये भी बताया है कि वरिष्ठ अधिकारी किसान नेताओं से बात कर रहे हैं ताकि सबकुछ शांतिपूर्ण रहे और क़ानून-व्यवस्था का संकट ना पैदा हो.

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