खादी और ग्रामोद्योग आयोग बोर्ड की योजनाओं से बड़ी संख्या में लोगों को मिल रहा रोजगार

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रायपुर (khabargali) खादी और ग्रामद्योग आयोग बोर्ड द्वारा खादी के क्षेत्र में अधिक से अधिक रोजगार का सृजन किया जा रहा है। केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि खादी क्षेत्र को विश्व स्तर पर बढ़ावा देने के साथ-साथ बुनकरों की आय को दो से तीन गुना सुनिश्चित की जा रही है। ग्रामीण स्तर पर खादी कामगारों को प्रोत्साहित करने, खादी उत्पादन को बढ़ाने और अधिक से अधिक रोजगार सृजन कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से विगत कुछ माह में देश के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत खादी संस्थाओं एवं खादी कामगारों के साथ बैठकें आयोजित की गई और उनकी कठिनाइयों को दूर कर उनमें नई उर्जा का संचार करने के लिए प्रत्यक्ष रूप से उनसे संवाद भी किया गया।

खादी और ग्रामद्योग आयोग के राज्य निदेशक श्री राजेश कुमार ने जानकारी दी कि श्री मनोज कुमार की अध्यक्षता में खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने अपनी 694 वीं बैठक में कामगारों की मजदूरी 7.50 रुपये प्रति गुंडी से बढ़ाकर 10 रुपये प्रति गुंडी करने का निर्णय लिया गया। जिससे उनकी मासिक आय में औसतन 33 प्रतिशत तक की वृद्धि होगी एवं बुनकरों के पारिश्रमिक में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी को भी मंजूरी दी गई है, जो अप्रैल 2023 से प्रभावी होगा। श्री मनोज कुमार ने कहा कि खादी संवाद के दौरान यह बात प्रमुखता से सामने आयी है कि खादी क्षेत्र में सूत-कताई करने वाली कत्तिनों और बुनकरों ने खादी उत्पादन बढ़ाने में विशेष योगदान दिया है और उनके पारिश्रमिक को बढ़ाने की मांग दशकों से लंबित रही है।

केवीआईसी अध्यक्ष ने कहा कि खादी उत्पादों की विगत वर्षों की तुलना में रिकार्ड बिक्री हुई है। ‘खादी फॉर नेशन’, ‘खादी फॉर फैशन’ और ‘खादी फॉर ट्रांसफॉर्मेशन’ के मूलमंत्र के साथ खादी अपनाने, उत्पादन तथा विक्रय को बढ़ाने वाले हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में खादी और ग्रामोद्योग का उत्पादन 84,290 करोड़ एवं बिक्री 1,15,415 करोड़ की रही, एवं इस वर्ष खादी ग्रामोद्योग भवन, दिल्ली ने 2 अक्टूबर को एक दिन में 1.34 करोड़ रूपये की बिक्री का नया रिकॉर्ड बनाया है। उन्होने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग अपने कारीगरों, बुनकरों, खादी संस्थाओं को अधिक से अधिक काम उपलब्ध कराने और पीएमईजीपी इकाइयों को विपणन में सहयोग देने के उद्देश्य से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शनियों का आयोजन कर रहा है। स्व-रोजगार स्थापित करने के लिए पीएमईजीपी योजना के तहत ऋण स्वीकृति में तेजी लाई जा रही है।

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