लागू हो गई नई आबकारी नीति, हुए कई बड़े बदलाव
रायपुर (khabargali) प्रदेश के मदिराप्रेमियों को आज झटका लगा जब उन्हें शराब की एक बोतल के पीछे 180 रुपए ज्यादा देने पड़ गए। दरअसल छत्तीसगढ़ में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए नई आबकारी नीति एक अप्रैल 2024 से लागू हो गई। नई नीति में कई बड़े बदलाव हुए हैं, किंतु व्यवस्था में खास बदलाव नजर नहीं आ रहा है, शराब की कीमत जरूर महंगी हो गई है। हालांकि आबकारी विभाग के सूत्रों के अनुसार क्वार्टर में 10 रुपए और बोतल में 40 रुपए की वृद्धि की जाएगी। देशी-विदेशी शराब दुकानों की रेट लिस्ट रविवार देर रात आाबकारी विभाग ने राज्य के सभी कलेक्टरों को भेजी है। आदेश में हर ब्रांड की कीमत तय कर दी गई है, जिसके मुताबिक एमआरपी पर ही फुटकर दुकानों से विक्रय किया जाएगा।
शराब की कीमतों में वृद्धि को लेकर आबकारी विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि चूंकि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में दो नंबर की शराब की बिक्री होती थी, जिससे शराब कंपनियों को मुनाफा चार गुना होता था, इसलिए शराब की कीमत चार सालों तक नहीं बढ़ाई गई। इस बार शराब कंपनियां लेबर चार्ज बढ़ाने की मांग कर रहे थे, इसलिए अब शराब की कीमत में प्रति बोतल प्रतिशत में वृद्धि की गई है,यह वृद्धि कितने प्रतिशत हुई है,इसका जवाब एक से 6 प्रतिशत बताया जा रहा है।
मालूम हो कि राज्य में नई विष्णुदेव साय की सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए नई आबकारी नीति तैयार की। यह नीति एक अप्रैल से प्रभावशील होगी। इस नीति में पहली बार सालों से चले आ रहे शराब कारोबारियों का सिंडीकेट टूटा है और नए लोगों को टेंडर हासिल हुआ है, इसमें एफएल 10 का लाइसेंस दस लोगों को मिलने की खबर है, वहीं 12 जोन में बांटकर प्लेसमेंट और परिवहन का काम भी बांटा गया है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2017 में शराब का कारोबार करने के लिए एक सार्वजनिक उपक्रम का गठन किया गया था, जिसके जरिए राज्य की 672 शराब दुकानों का संचालन छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड के द्वारा किया जा रहा है। बता दें कि नई आबकारी नीति में शराब के ब्रांड की संख्या में बढोत्तरी की गई है,वहीं बॉटलिंग प्लांट को भी उत्पादन की अनुमति दी गई है। इसके अलावा दुकानों के खुलने और बंद होने के समय सुबह 10 से रात्रि 10 और बार रेस्टोरेंट का खुलने व बंद होने का समय दोपहर 2 से रात्रि 12 बजे तक किया गया है।
पूर्व कांग्रेस सरकार के लगाए सभी सेस हटाए
नई नीति में पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा अधिरोपित गौठान के विकास एवं रखरखाव हेतु अतिरिक्त आबकारी शुल्क, ग्रामीण क्षेत्र में कोविड-19 के फैलाव के विरूद्ध अधोसंचरना के उन्नयन हेतु विशेष आबकारी शुल्क एवं शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वकांक्षी योजनाओं के लिए वित्त पोषण हेतु अतिरिक्त आबकारी शुल्क को समाप्त करते हुए प्रदेश में अधोसंरचना के निर्माण एवं उन्नय हेतु देशी एवं विदेशी मदिरा पर अधोसंरचना विकास शुल्क अधिरोपित किया गया है। इस अधोसंरचना विकास शुल्क को लेकर ही शराब की कीमत बढ़ने की संभावना जताई जा रही है, किंतु आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि चूंकि अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में शराब पहले से मंहगी है, इसलिए कीमतों मेंबहुत ज्यादा अंतर नहीं किया गया है।
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