मदरसा शिक्षकों की वेतन संबंधी समस्या का होगा निराकरण , मदरसों में आधुनिक शिक्षा के विकास हेतु कार्यशाला का शुभारंभ

Salary related problem of madrassa teachers will be solved Workshop for development of modern education in madrassas inaugurated, Chairman Ch.  Madarsa Board, Chhattisgarh, Khabargali

रायपुर (khabargali) प्रदेश में संचालित पंजीकृत एवं मान्यता प्राप्त मदरसों में आधुनिक शिक्षा के विकास हेतु आयोजित राज्य स्तरीय दो दिवसीय कार्यशाला का आज शुभारंभ हुआ। छत्तीसगढ़ मदरसा बोर्ड द्वारा सिंधु भवन देवेन्द्र नगर में आयोजित कार्यशाला में माननीय गिरीश देवांगन जी अध्यक्ष छ.ग. खनिज विकास निगम मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। असलम खान अध्यक्ष छ.ग. राज्य हज कमेटी, आलोक चंद्राकर अध्यक्ष छ.ग. जीव जंतु कल्याण बोर्ड, सन्नी अग्रवाल अध्यक्ष छ.ग. सन्निर्माण कर्मकार मंडल विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। अध्यक्षता अलताफ अहमद अध्यक्ष छ.ग. मदरसा बोर्ड ने की।

छ.ग. मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष अलताफ अहमद ने मदरसा शिक्षकों के 6 वर्शों के लंबित वेतन अनुदान की समस्या के निराकरण हेतु माननीय गिरीश देवांगन जी को एक ज्ञापन सौंपकर निवेदन किया। श्री देवांगन ने मुख्यमंत्री जी से भेंटकर उन्हें इससे अवगत कराने के लिए कहा है।

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कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित गिरीश देवांगन छ.ग. खनिज विकास निगम ने मदरसा शिक्षकों की वेतन संबंधी समस्याओं के निराकरण हेतु आशवस्त किया है। उन्होंने कहा कि मुझे आज पता चला है कि आप लोग 6 वर्ष से जूझ रहे हैं। मदरसा शिक्षकों के कार्यों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इस विषम परिस्थिति में भी मदरसे को जिंदा रखा है। श्री देवांगन ने कहा कि मदरसा बोर्ड शिक्षा के क्षेत्र में लगातार काम कर रहा है। मदरसों के शिक्षक बहुत कम वेतन में शिक्षकीय कार्य कर रहे हैं वे सब धन्यवाद के पात्र हैं।

कार्यशाला के विशिष्ट अतिथि मुख्य अतिथि असलम खान अध्यक्ष छ.ग. राज्य हज कमेटी ने मदरसा शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि ये खुशी का मौक़ा है कि मदरसों में आधुनिक शिक्षा की बात कर रहे हैं। धार्मिक षिक्षा के साथ आधुनिक शिक्षा बहुत ज़रूरी है। बच्चों का भविष्य तब तक नहीं संवार सकते जब तक बेहतर शिक्षा की व्यवस्था न हो। कार्याशाला के विशिष्ट अतिथि आलोक चंद्राकर उपााध्यक्ष छ.ग. राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड ने कहा कि मदरसों शिक्षकों की जो भी समस्याएं हैं वह केन्द्र सरकार की भेदभावपूर्ण नीतियों की वजह से है। उन्होंने कहा कि थोड़ा इंतजार कीजिए बहुत सुखद परिणाम आयेगा।

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कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए अलताफ अहमद अध्यक्ष छत्तीसगढ़ मदरसा बोर्ड ने कहा कि वर्ष2018 के बाद यह कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस कार्यशाला के माध्यम से नई शिक्षा नीति से हम सब अवगत होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेष के यशस्वी मुख्यमंत्री मान. भूपेश बघेल जी शिक्षा के विस्तार के लिए उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं। प्रदेश में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के साथ ही अब महाविद्यालय भी खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 6 वर्षों से मदरसा शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है उसके बाद वे सब काम कर रहे हैं।

श्री अहमद ने कहा कि मदरसे के शिक्षक भी षिक्षक हैं, मदरसा भी स्कूल है। मदरसा शिक्षकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आप लोगों की परेशानियों और बातों को माननीय मुख्यमंत्री तक पहुंचाएंगे। बहुत जल्द इसका निराकरण होगा। कार्यशाला की मुख्य वक्ता डाॅ. विद्यावती चंद्राकर ने कहा कि शिक्षा सबके लिए है। शैक्षिक परिवर्तन बहुत जरूरी है। आवश्यकता के अनुरूप पाठ्यक्रम बदलते जाते हैं। उन्होंने नई शिक्षा नीति के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। डाॅ. इम्तियाज अहमद अंसारी सचिव छ.ग. मदरसा बोर्ड ने कार्यशाला के आयोजन के उद्देषश्यों की विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन सै. अनीस रज़ा ने किया।

इस अवसर पर किरण सिन्हा सदस्य पिछड़ा वर्ग आयोग, नरेश गड़पाल सदस्य श्रम कल्याण मंडल, सोमेन चटर्जी सदस्य असंगठित कर्मकार मंडल, सर्वजीत सिंह ठाकुर सदस्य असंगठित कर्मकार मंडल, रिज़वान खान सदस्य उर्दू अकादमी, मदनलाल देवांगन सदस्य जीव जंतु बोर्ड, तौहीद खान , इस्माईल शेख,रब्बी भाई विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यशाला के प्रारंभ मदरसा नूरानी एवं मदरसा गौसिया की छात्राओं ने समूहगीत, प्रस्तुत किया। कार्यशाला में बड़ी संख्या में प्रदेशभर से पंजीकृत मदरसों के शिक्षक-शिक्षिकाऐं, जिला उर्दू इंचार्ज गण, छ.ग. मदरसा बोर्ड के अधिकारी व कर्मचारीगण तथा अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।

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