
" फेंक रहे जो तुम खाना क्योंकि आज रोटी थोड़ी सूखी है , थोड़ा इज्जत से फेंकना भाइयों किसी की बेटी कल से भूखी है "

रायपुर (khabargali) मौजूदा माहौल में जब कोरोना वायरस के चलते देश में तालाबन्दी का दौर है। ऐसे में बेसहारा और ज़रूरत मंद लोगों के लिए पेट भर भोजन का संकट भी गहरा सा गया है। अच्छी बात ये है कि ऐसे असहाय इंसानों और पशु- पक्षियों की मदद के लिए प्रदेश सरकार के अलावा कई सामाजिक संगठन, संस्थाए आगे आई हैं। युवा वर्ग भी पूरे हौसले के साथ इनकी सुध लेते राजधानी में देखे जा रहे है।
"कुछ कर गुजरने की चाह और ज़ज्बे के साथ हर कठिनाई पर "नेकी कर" की मेहनत भारी रहेगी "
उपरोक्त पंक्तियों को अपना मूल मंत्र बना कर चलने वाली एक ऐसे संस्था ' नेकी कर ' से ' ख़बरगली' आपका परिचय करवा रही है जिसके सदस्य महज 6 माह पहले नाम के अनुरूप कार्य करने स्वस्फूर्त एकजुट हुए और आज लगभग 80 के करीब सदस्यों के साथ ' नेकी कर ' संस्था द्वारा प्रतिदिन असहाय वर्ग की मदद की जा रही है । इन दिनों संस्था प्रतिदिन राजधानी में जरूरतमंदों को लगभग 550 पैकेट लंच वितरण कर रही है। सेवा को अपना धर्म मानने वाली संस्था द्वारा 2-2 युवक की 5 टीम शहर के अधिकतम स्थानो में केवल असहाय लोगों को खाना का वितरण करती है।
'नेकी कर ' संस्था की एक बड़ी खासियत है कि वह 'नेकी कर दरिया में डाल' वाली कहावत को जीती है। संस्था अपने कार्यों को लेकर प्रेस नोट जारी करती है तो किसी का भी सदस्यों का नाम नहीं लिखती और न ही किसी सदस्य की तस्वीर जिसमें उनकी पहचान जाहिर हो। यहां तक मदद लेने वालों के चेहरे को कंप्यूटर से अस्पष्ट कर देती है ताकि उनकी निजता भी बनी रहे।
" जो रो के सोया था भूख के मारे वो बच्चा नींद में भी मुस्कुरा रहा था ! अजीब सी रौनक़ थी उसके चेहरे पर शायद वो सपने में कुछ खा रहा था "
"नेकी कर" का प्रयास रहता है कि कोई एक इंसान और पशु भूखा-प्यासा ना रह जाये। पिछले 6 महीनों में संस्था ने अस्पतालों में फुटपाथों में और सड़कों में जा कर नेकी कर रहे हैं। खास पहलु यह है कि बे-जूबान पशुओं के घायल होने की सूचना मिलने मात्र से संस्था के सदस्य उन्हें वाहन उपलब्ध करवा कर अस्पताल तक पहुँचा कर उचित इलाज करवाते हैं। यहाँ उल्लेखनीय है कि ' नेकी कर ' के तमाम मुहिम के साथ शहर के लोगों का भी पूरा साथ मिल रहा है। संस्था के सक्रिय सदस्यों ने ख़बरगली को बताया कि कई लोग खुद सामने से आ कर पूछते है वे इस नेक काम में अपनी सहभागिता और सहयोग कैसे कर सकते हैं। बताया गया कि संस्था के अपने फेसबुक और इंस्टाग्राम के पेज के जरिए लोग स्वस्फूर्त आर्थिक मदद के लिए आते है बाकी हर सदस्य भी अपनी हैसियत के हिसाब से फण्ड एकत्र करता है।

" जैसा भी हो वक़्त अपने तरफ से पूरी तैयारी रहेगी बे-जूबानों और लाचार गरीबों के लिए जंग जारी रहेगी"
नेकी कर संस्था ' ख़बरगली' के माध्यम से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से मदद करने के लिए सभी का धन्यवाद कर रही है एवं निवेदन भी करती है की यदि आपके आस पास कोई असहाय व्यक्ति या पशु दिखे तो उसकी जानकारी संस्था को जरूर दे । संस्था से जुड़ने के इच्छुक इस नम्बर से संपर्क कर सकते है साथ ही इंस्टाग्राम और फेसबुक से जुड़ सकते हैं:
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