पार्किंग की अवैध वसूली को लेकर रायपुर एयरपोर्ट डायरेक्टर को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग

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छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति ने केन्द्रीय मंत्री को लिखा पत्र

सेन्ट्रल विजिलेंस कमीशन या सीबीआई से करवायें पार्किंग की अवैध वसूली की जांच

रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति ने केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया को रायपुर एयरपोर्र्ट में चल रही पार्किंग की अवैध वसूली को लेकर एयरपोर्ट डायरेक्टर को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की है। समिति ने कहा है कि पार्किंग की अवैध वसूली के चलते आम जनता में व्यापक रोष है और किसी भी दिन अप्रिय स्थिति निर्मित हो सकती है। जन आक्रोश इतना है कि आये दिन प्रताडि़तों द्वारा ट्वीटर पर रायपुर एयरपोर्ट पर अवैध वसूली को लेकर ट्वीट किये जाते है, एयरपोर्ट अथॉरिटी रायपुर के हेंडल पर टेग किया जाता है, पर एयरपोर्ट डायरेक्टर अवैध वसूली नहीं रुकवा पाते हैं। आज तक शो कॉज नोटिस और छोटी सी पेनल्टी लगाने के अलावा ऐसी कोई कार्यवाही नहीं की गई जिससे अवैध वसूली रुक सके।

यह है निजी वाहनों से वसूली का दर 

समिति ने पत्र में लिखा है कि निजी कार और एसयूवी के लिए 30 मिनट तक का पार्किंग शुल्क रुपए 20 निश्चित है, 30 मिनट से 2 घंटा तक के लिए यह पार्किंग शुल्क 35 रुपए निर्धारित है परंतु 30 मिनट से कम की पार्किंग में भी रुपए 50 की वसूली रंगदारी के साथ की जाती है।ठेकेदार ने बताया कि रायपुर मे लोगों ने कमर्शियल वाहनों का निजी नंबर ले रखा है इस लिए सबसे वसूलता है रु 50/. समिति ने पत्र में बताया कि एयरपोर्ट डायरेक्टर ने एक शिकायतकर्ता को बताया है कि कमर्शियल वाहन से पार्किंग के रु 20 के अतिरिक्त रु 30 अतिरिक्त लिए जाते है और ठेकेदार ने उन्हें बताया है कि आरटीओ से ठेकेदार ने बात की और उसे (ठेकेदार को) बताया गया कि यहाँ (रायपुर में) लोगों ने कमर्शियल गाडी का भी प्राइवेट नंबर लिया हुआ है, इस लिए ठेकेदार रु 50 की वसूली सभी वाहनों से करता है। एयरपोर्ट डायरेक्टर ने स्वीकार किया कि उन्होंने भी इस प्रकार की रु 50 की वसूली को देखा है और उन्होंने इस कारण से ठेकेदार का चालान भी काटा है। समिति ने आरोप लगाया कि सब कुछ जानने के बाद भी एयरपोर्ट डायरेक्टर इस अवैध वसूली को रुकवा नहीं सके जो कि उनको प्रशसनिक रूप से असक्षम प्रमाणित करता है। अगर रायपुर में कमर्शियल वाहनों ने निजी वाहन की नंबर प्लेट लगा रखी है तो यह आरटीओ की समस्या है ना कि ठेकेदार की। समिति ने रु 50 की कुछ रसीदें भी केंद्रीय मंत्री को भेजी है।

गोपनीय बता कर नहीं देते पार्किंग वसूली की जानकारी

केन्द्रीय मंत्री को प्रेषित पत्र में समिति ने बताया है एक प्रकाशित समाचार की अनुसार मार्च 2023 तक वर्तमान पार्किंग ठेके के तहत डेढ़ करोड़ रुपए की अवैध वसूली हो चुकी थी। अनुबंध की शर्तों के तहत ठेकेदार को वसूली का डाटा एयरपोर्ट अथॉरिटी को जमा करना होता है। वर्तमान में पदस्थ एयरपोर्ट डायरेक्टर के द्वारा अवैध वसूली के संरक्षण की सीमा इस हद तक है कि अनुबंध के शर्त के तहत ठेकेदार द्वारा जमा किये गए पार्किंग शुल्क की जानकारी का डाटा यह कह कर आमजन को नहीं देते कि पार्किंग वसूली की जानकारी गोपनीय है। इस डाटा की जांच करने से आरोपों की सत्यता उजागर हो जावेगी।

समिति के सदस्य डॉ राकेश गुप्ता ,विश्वजीत मित्रा अध्यक्ष , मंजीत कौर बल, व्यासमुनि दिवेदी, डॉ. अनिल जैन, डॉ. दिग्विजय सिंह, डॉ. विकास अग्रवाल, नॉमान अकरम, शरद शुक्ला, हेमंत बैद, अमिताभ दीक्षित ने मांग की है कि तत्काल प्रभाव से वर्तमान पदस्थ एयरपोर्ट डायरेक्टर को हटाकर सक्षम एयरपोर्ट डायरेक्टर को नियुक्त किया जावे तथा ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीगत से किए गए करोडों के भ्रष्टाचार की जांच सेंट्रल विजिलेंस एजेंसी अथवा सीबीआई से करवाई जावे।

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