
रेल सुविधाओं की बहाली को लेकर सौंपा ज्ञापन
रायपुर / बिलासपुर (khabargali) मोदी सरकार द्वारा लगातार यात्री ट्रेनों को रद्द किये जाने और ट्रेनों की लेटलतीफी के विरोध में तथा यात्री ट्रेनों की सुविधाओं की बहाली की मांग को लेकर कांग्रेस ने रेल रोको आंदोलन प्रदेश के सभी जिलों बालोद, कांकेर, कोंडागांव, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार, बलरामपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, बेमेतरा, बिलासपुर, धमतरी, दुर्ग, गरियाबंद, जशपुर, कबीरधाम, कोरिया, महासमुंद, मुंगेली, नारायणपुर, रायगढ़, रायपुर, राजनादगांव, सुकमा, सूरजपुर, सरगुजा, गोरेला-पेंड्रा-मरवाही, सारंगढ़, मोहला-मानपुर, सक्ति,मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी- भरतपुर, कोरबा, बीजापुर, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में किया।
कोटा में प्रदर्शनकारी सुबह पांच बजे ही पटरी पर पहुंच गए थे और वहां दो घंटे तक ट्रेनों की आवा- जाही पूरी तरह ठप रही। बिलासपुर में सुरक्षा बल के साथ झूमाझटकी के बाद मालगाड़ी को रोक कर प्रदर्शन किया गया। बिल्हा में राजधानी एक्सप्रेस को रोक कर प्रदर्शन किया गया। दुर्ग, बिलासपुर और कांकेर जिलों समेत कई स्थानों पर रेल यातायात बाधित हुआ। कांग्रेसी ट्रेन रोकने में कामयाब हो पाते इससे पहले ही उन्हें पटरियों से हटाकर पुलिस ने हिरासत में लेना शुरू कर दिया। रेलवे और राज्य पुलिस के जवानों को प्रदर्शन स्थलों के पास और राज्य के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर तैनात किया गया था। वहीं आंदोलन को लेकर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी साकेत रंजन ने कहा कि प्रतिदिन चलने वाली औसत यात्री रेल गाडि़यों में से एक प्रतिशत से भी कम को विकास कार्यों के कारण पिछले दिनों रद्द कर दिया गया है।
रायपुर रेलवे स्टेशन में भी कांग्रेसियों ने दिया धरना
राजधानी रायपुर में सत्ताधारी दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने रायपुर रेलवे स्टेशन के बाहर प्रदर्शन किया और फिर प्लेटफॉर्म नंबर एक पर पटरी पर बैठ गए । कुछ देर बाद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें हटा दिया। पुलिस और कांग्रेसियों के बीच झूमाझपटी भी हुई। हालांकि, इस विरोध प्रदर्शन के कारण रायपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों की आवाजाही अप्रभावित रही।
रेलमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा ज्ञापन में यह कहा गया
इस अवसर पर कांग्रेस ने रेलमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा ज्ञापन में कहा गया कि पिछले तीन वर्षो से देश की रेल सुविधाएं पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। यात्री ट्रेनों की बिना कारण बताये रद्द कर दिए जाने का फरमान जारी कर दिया जाता है। छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली सैकड़ो यात्री ट्रेनों को अनेको बार महीनो तक के लिए रद्द किया गया है। महीनो पहले यात्रा की योजना बना कर रिजर्वेशन करवाने वाले यात्री रेलवे की इस मनमानी से परेशान होते है। त्योहारों छुट्टियों शादी ब्याह के सीजनों मे रेल्वे बिना बताए बिना कारण के यात्री ट्रेनों को रद्द कर देती है। रेल्वे द्वारा ट्रेनों को रद्द किये जाने का कारण मेंटेनेंस बताया जाता है। जबकि उन्ही ट्रेको पर यात्री ट्रेनों से 50गुना अधिक क्षमता की मालवाहक ट्रेनों को चलाया जाता है। छत्तीसगढ़ से निकलने वाले कोयले का परिवहन कर दूसरे प्रदेश को भेजने के लिए भी छात्तीसगढ़ की यात्री सुविधाओं को बाधित किया गया। रेल्वे द्वारा जिस प्रकार से यात्री ट्रेनों के संचालन मे लगातार कोताही बरती जा रही उससे स्पष्ट हो रहा की रेल्वे यात्री सुविधाओं की अपेक्षा मालवाहक गाड़ियों को ज्यादा प्राथमिकता दे रही, यह जानबूझ कर किया जाने वाला षड़यंत्र है ताकि जनमानस मे रेल अलोकप्रिय हो और मोदी सरकार रेलवे को निजी हाथो विशेषकर अडानीसमूह को सौप सके।रेल देश के नागरिकों की सबसे सुलभ और लोकप्रिय सुविधा है आजादी के पहले और बाद मे भी सभी सरकारों नें घाटा उठा कर भी जनहित मे रेल्वे का संचालन अनवरत जारी रखा। रेल्वे को बेचने का कोई भी प्रयास देश की जनता के साथ धोखा है कांग्रेस पार्टी इसका विरोध करेगी।
कांग्रेस पार्टी मांग करती है की केंद्र सरकार यात्री ट्रेनों को नियमित चालन की व्यवस्था सुनिश्चित करें साथ ही यात्री सुविधाओं विकलांग, बुजुर्ग, रिटायर्ड, सैनिकों, छात्रों, बच्चों को पूर्व में मिलने वाली रियायते बहाल की जाए तथा रेलवे के निजीकरण के षड्यंत्र पर तत्काल बिराम लगे।
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