राजधानी विहार कॉलोनी के नागरिकों के आंदोलन की हुई जीत.. कॉलोनाइजर डॉ. अशोक खेमका के खिलाफ एफआईआर

The victory of the movement of the citizens of Rajdhani Vihar Colony.. FIR against the colonizer Dr. Ashok Khemka, construction against the layout and fraudulently showing the layout to the general public, forgery, Raipur, Chhattisgarh, Khabargali

लेआउट के विरुद्ध निर्माण तथा आम जनता को छलपूर्वक कूटरचित लेआउट दिखाकर किया फर्जीवाडा

रायपुर (khabargali) लंबे समय से आंदोलित राजधानी विहार नामक कॉलोनी के नागरिकों के संघर्ष ने रंग दिखाया । नगर निवेश से पास लेआउट के विरुद्ध निर्माण तथा आम जनता को छलपूर्वक कूटरचित लेआउट दिखाकर कॉलोनी विकास की अनुमति हासिल कर शहरी गरीब आवास की भूमि को हड़पने के मामले में विधानसभा थाना पुलिस ने कॉलोनाइजर मेसर्स सूर्या लैंड डेवलपर्स डॉ. अशोक खेमका के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। मामला सड्डू में विकसित की गई राजधानी विहार नामक कॉलोनी का है।

गौरतलब है कि पीड़ित कालोनीवासियों ने लंबे समय से उक्त कालोनाइजर के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे। वो भी बाकायदा मंच, बैनर और पोस्टर के साथ अपनी आवाज उठाई थी, अब वे सफल हुए है।

पुलिस ने बताया कि एफआईआर नगर निगम के जोन क्रमांक 9 के प्रभारी सहायक अभियंता अंशुल शर्मा ने दर्ज कराई है। रिपोर्ट के अनुसार कॉलोनाइजर मेसर्स सूर्या लैंड डेवलपर्स द्वारा ग्राम सड्डू में विकसित की गई राजधानी विहार नामक कॉलोनी में तथ्यों को छिपाकर कूटरचित ढंग से अनुमति प्राप्त कर शासन की योजना के क्रियान्वयन में बाधा उत्पन्न की जा रही है।

रिपोर्ट में उल्लेख है कि कॉलोनाइजर द्वारा रजिस्ट्री के लिए उपयोग में लाए जा रहे संयुक्त नक्शे को नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है। राजधानी विहार फेस-2 की जमीन का सीमांकन नहीं कराया गया है, किन्तु फेस-2 की डेवलेपमेंट परमिट में सीमांकन की शर्त सम्मिलित है। कॉलोनाइजर द्वारा कालोनीवासियों को जो नक्शा दिखाकर प्लाट विक्रय किए गए हैं उसमें दिखाए गए ओपन एरिया एवं आधे रोड के हिस्से को ईडब्ल्यूएस में शामिल किया गया है। ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षित भूमि में खसरा क्रमांक 548 को बिल्डर द्वारा मानचित्र में सम्मिलित किया गया है। उपलब्ध अभिलेख के आधार पर उक्त खसरा शासकीय है तथा पानी के नीचे की जमीन है। कॉलोनाइजर के उपरोक्त कृत्य से शहरी गरीब आवास जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हुए हैं तथा केन्द्र व राज्य शासन से मिली राशि का उपयोग पूर्ण रूप से नहीं किया जा सका है।

रिपोर्ट में उल्लेख है कि राजधानी विहार नामक कॉलोनी में तथ्यों को छिपाकर कूटरचित ढंग से अनुमति प्राप्त कर शासन की योजना के क्रियान्वयन में बाधा उत्पन्न की जा रही है। कॉलोनाइजर के ऐसा करने के कारण छत्तीसगढ़ शासन के खिलाफ विभिन्न याचिकाएं उच्च न्यायालय में दायर हुई है तथा अवमानना की स्थिति भी उत्पन्न हुई है।

Related Articles