राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार ने जीता विश्वास मत..भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर जमकर निशाना साधा..

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जयपुर (khabargali) राजस्थान विधानसभा में आज गहलोत सरकार ने विश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया था जिसमें उसे जीत हासिल हुई है. दिन भर विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा चली जिसके बाद मतदान हुआ. सचिन पायलट और अशोक गहलोत ने भाषण दिया और अपनी बात रखी. अशोक गहलोत ने अपने संबोधन में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साधा.

चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि राजस्थान से अन्य राज्यों को प्रेरणा लेनी चाहिए. देश में पॉलिटिकल पार्टी में कई बार मतभेद हो जाते हैं. आपकी पार्टी में भी वसुंधरा राजे के शासन में ऐसा हुआ. राजस्थान में फोन टेपिंग को परम्परा नहीं रही, न ही फोन टेपिंग हुई. BJP पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि षड्यंत्र आपकी पार्टी और आपके हाईकमान का था. कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गोवा और मणिपुर में आपने क्या किया? पूरे देश में लोकतंत्र कैसे खतरे में हैं इसकी कोई चिंता आपको नहीं है.

विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने वक्तव्य में कहा कि चुनी हुई सरकारों को अस्थिर किया जा रहा है. सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली. जब भैरों सिंह सरकार को गिराने की साजिश हुई तो मैं राज्यपाल और प्रधानमंत्री के पास गया. आप लोगों में भी कई सरकार को गिराने के खिलाफ थे. वो लोग नहीं चाहते थे क्योंकि ऐसी परंपरा नहीं रही. भाजपा नेता छिपकर दिल्ली गए और रातों-रात जयपुर वापस आ गए. कहते रहे कि मैं तो दिल्ली गया ही नहीं. गहलोत ने बहस का जवाब देते हुए कहा कि राजस्थान में फोन टैपिंग की परम्परा नहीं रही.

गहलोत ने बीजेपी पर बरसते हुए कहा, "आपकी पार्टी और आपके हाईकमान का षड्यंत्र था, सरकार गिराने का षड्यंत्र था, पूरे देश में नंगा नाच चल रहा, देश में लोकतंत्र खतरे में, केवल 2 लोग राज कर रहे हैं, बीजेपी के लोग धमीडे ले रहे हैं, आप लोग बगुला भक्त बन रहे हैं, 100 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली, मैं 69 साल का हो गया, 50 साल से राजनीति में हूं, मैं आज चिंतित हूं, लोकतंत्र को लेकर चिंतित हूं, राजस्थान का मुखिया होने के नाते यह दायित्व था, भैरोंसिंह शेखावत सरकार को गिराने का षड्यन्त हुआ था, मैं उस समय पीसीसी चीफ था, मैं पीएम और राज्ययपाल के पास गया, मैंने षड्यंत्र में शामिल होने से इनकार किया, चुनी हुई सरकार को गिराने से इनकार किया.

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