रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ में आरक्षण विधेयक राजभवन पहुंचकर अटक गया है। लगभग 1 महीने बीतने को हैं, लेकिन राज्यपाल ने विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं किए। अब इस मुद्दे को लेकर पोस्टर वॉर शुरू हो गया है। कई जगहों पर लगे पोस्टर चर्चा में इसलिए है कि इसे लगवाया किसने है इसकी कोई पहचान नहीं हैं। शहर के कई हिस्सों में ऐसे पोस्टर लगाए गए हैं जिनमें लिखा है कि आरक्षण विधेयक के अटक जाने के जिम्मेदार भाजपा के नेता है। ऐसा ही एक पोस्टर भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्यालय एकात्म परिसर के पास लगाया गया है। इस पर लिखा है राजभवन संचालन केंद्र इधर है एरो का निशान भी बना है। तेलीबांधा के चौराहे पर भी एक ऐसा ही बड़ा पोस्टर लगाया गया है । जिसमें एकात्म परिसर को राजभवन संचालन केंद्र बताया गया है। इसके अलावा प्रमुख सड़कों पर खंभों पर छोटे-छोटे पोस्टर लगाए गए हैं।
क्या लिखा है पोस्टरों में
पोस्टर जो कि राजधानी के बहुतेरे ईलाको में टांगे या कि लटकाए गए हैं उनमें लिखा है
“आम सूचना.. राजभवन का संचालन अस्थाई रुप से कुशाभाउ ठाकरे परिसर में स्थानांतरित हो गया है..कृपया सीधे वहीं संपर्क करें..”
राजधानी के एकात्म परिसर कार्यालय ( बीजेपी का रायपुर ज़िला कार्यालय ) के पास मोड़ पर एक बैनर टांगा गया है उस पर बीजेपी कार्यालय की ओर तीर निशान बनाते हुए लिखा गया है
“राजभवन संचालन केंद्र इधर है”
बीजेपी ने पलटवार कर यह कहा
इन पोस्टरों पर भाजपा बोली कांग्रेस ने चिर परिचित छद्म चेहरा नीति दिखाई बीजेपी ने इस पोस्टर पॉलिटिक्स को कांग्रेस का चिर परिचित छद्म चेहरा बताते हुए तीखा पलटवार किया है। बीजेपी प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने कहा “ये पोस्टर जनता का आक्रोश नहीं है, यह कांग्रेस की छद्म लड़ाई का पुराना तरीक़ा है।ये जिस आरक्षण की बात कर रहे हैं उसको लोगों से कोर्ट में चुनौती दिलाते हैं उसे रुकवाते हैं, और जो ऐसा करता है उसे निगम मंडल में स्थान देकर सम्मानित करते हैं।छत्तीसगढ़ सरकार आरक्षण के मसले पर खुद कटघरे में है। पिछले चार साल से हर वर्ग को धोखा दे रहे हैं और पोस्टर छपवा कर जनाक्रोश से बचने की असफल क़वायद कर रहे हैं। सरकार बताए पहले कुणाल शुक्ला और डी पी खाँडे को किस हैसियत से निगम मंडल में स्थान दिया गया है, दोनों ही व्यक्तियों ने आरक्षण मसले पर हाईकोर्ट में क्या भुमिका निभाई थी।”
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