नई दिल्ली (khabargali) देश में सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना अब इतना आसान नहीं रह जाएगा. तोड़फोड़ करने वालों की जल्द ही देश में शामत आने वाली है. दरअसल, विधि आयोग द्वारा यह सिफारिश किए जाने की संभावना है कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को तभी जमानत मिले, जब वे उनके द्वारा किए नुकसान के बराबर धनराशि जमा करा दें.
ऐसा पता चला है कि विधि आयोग ‘लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम’ में बदलाव की सिफारिश करते हुए सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के लिए कड़े जमानत प्रावधानों का प्रस्ताव रख सकता है. माना जा रहा है कि यदि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को उनके द्वारा नष्ट की गई संपत्ति के मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करना पड़ता है तो अन्य लोग भी इस प्रकार के कृत्य करने से बचेंगे.
सरकार ने 2015 में इस कानून में संशोधन का प्रस्ताव रखा था लेकिन इस संबंधी कोई विधेयक पेश नहीं किया गया था. आयोग ने उच्चतम न्यायालय के कुछ निर्देशों और कुछ उच्च न्यायालयों के निर्णयों के मद्देनजर इस मामले को अपने हाथ में लिया है. ऐसा बताया जा रहा है कि आयोग आपराधिक मानहानि कानून संबंधी एक रिपोर्ट पर भी काम कर रहा है और इसमें कोई बदलाव नहीं करने की सिफारिश कर सकता है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में धरना-प्रदर्शन के दौरान सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बीते कुछ समय पहले एक अध्यादेश पास कर दिया था. इसका नाम था उत्तर प्रदेश पब्लिक प्राइवेट प्रॉपर्टी एंड रिकवरी अध्यादेश.
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