सावधान: साइबर अपराधियों ने 1 साल में की ₹22,845 करोड़ की ठगी, 36 लाख से ज्यादा मामले दर्ज

Precaución: Los ciberdelincuentes defraudaron ₹22,845 millones de rupias en 1 año, se registraron más de 36 lakh casos, los casos aumentaron aproximadamente un 206 por ciento en comparación con el año pasado Nueva Delhi Khabargali

पिछले साल की तुलना में लगभग 206 फीसदी ज्यादा हुए मामले

नई दिल्ली (खबरगली) देश में साइबर अपराध के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. हर रोज दर्जनों साइबर फ्राड से जुड़ी घटनाएं पढ़ने-सुनने को मिलती रहती है. हर वर्ग के लोग जालसाजों के बहकावे में आकर अपनी मेहनत की कमाई गवां रहे हैं. इस बीच सरकार ने जो आधिकारिक आंकड़ा प्रस्तुत किया है वो हैरान करने वाला है. दरअसल मंगलवार, 22 जुलाई को गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने लोकसभा में साइबर अपराध से जुड़े आंकड़े पेश किए. उसके मुताबिक, साल 2024 में देशभर में नागरिकों के साथ कुल 22,845.73 करोड़ रुपये का फ्रॉड हुआ है. यह पिछले साल यानी 2023 की तुलना में लगभग 206 फीसदी ज्यादा है. साल 2023 में यह नुकसान 7,465.18 करोड़ रुपये था.

मंत्री के मुताबिक, यह आंकड़े नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) और सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम (CFCFRMS) से जुटाए गए हैं. ये दोनों प्लेटफॉर्म गृह मंत्रालय के अंतर्गत संचालित होते हैं और देशभर के साइबर अपराध के मामलों पर नजर रखते हैं.

आंकड़े हैरान करने वाले हैं

सरकार की ओर से साझा किए गए आंकड़े बताते हैं कि पिछले तीन सालों में साइबर अपराध तेजी से बढ़े हैं. 2022 में 10,29,026 मामलों की रिपोर्ट दर्ज हुई थी. 2023 में यह बढ़कर 15,96,493 हो गई (करीब 55 फीसदी की बढ़ोतरी). 2024 में 22,68,346 मामलों की रिपोर्ट दर्ज हुई, जो पिछले साल से 42 फीसदी ज्यादा है. इसके अलावा, सिर्फ वित्तीय साइबर धोखाधड़ी के मामलों की बात करें तो 2024 में 36,37,288 घटनाएं NCRP और CFCFRMS पर दर्ज की गई, जबकि 2023 में ऐसे मामलों की संख्या 24,42,978 थी.

सरकार कार्रवाई और बचाव के कदम उठा रही

मंत्री ने बताया कि साइबर अपराध को रोकने के लिए सरकार कई स्तरों पर काम कर रही है. अब तक पुलिस और दूसरी एजेंसियों की मदद से 9.42 लाख से ज्यादा सिम कार्ड ब्लॉक किए जा चुके हैं. इससे इतर, 2,63,348 मोबाइल IMEI नंबर बंद किए गए हैं. बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के साथ मिलकर 11 लाख संदिग्ध डेटा शेयर किया गया है. और 24 लाख म्यूल अकाउंट्स (फर्जी खातों) की पहचान कर इनके जरिये 4,631 करोड़ रुपये की बचत की गई है. सरकार ने ‘प्रतिबिंब’ मॉड्यूल भी लॉन्च किया है, जो अपराधियों और उनके नेटवर्क का डिजिटल नक्शा बनाता है. इसके जरिये पुलिस को अपराधियों तक पहुंचने में मदद मिल रही है. अब तक इस मॉड्यूल की मदद से 10,599 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

खुद का बचाव ऐसे करें नागरिक

गृह मंत्री ने कहा कि CFCFRMS पोर्टल, जिसे 2021 में लॉन्च किया गया था, के जरिये अब तक 5,489 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम को ठगों के हाथ में जाने से बचाया गया है. मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि वे ऑनलाइन लेनदेन करते समय बेहद सतर्क रहें. किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और अगर किसी तरह की धोखाधड़ी होती है तो तुरंत NCRP पोर्टल या पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराएं.