
चूल्हा जलाने कोयले की तलाश में औद्योगिक राखड़ की खुदाई करते हैं ग्रामीण
रायपुर (khabargali) शहर के औद्योगिक क्षेत्र सिलतरा में मंगलवार की सुबह जमा की गई राखड़ के पहाड़ में कोयला निकलने की जद्दोजहद में तीन ग्रामीणों की दबने से मृत्यु हो गई, जबकि दो को घायल अवस्था में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है। मृतकों में माँ और बेटा भी शामिल है। मलबे में कुल पांच ग्रामीण दबे थे। बताया जाता है कि मंगलवार की सुबह ग्रामीण राखड़ में से कोयला निकालने के लिए वहां पर पहुंचे हुए थे, राख निकालते समय एकाएक राख का पहाड़ धसक गया और जिनके नीचे पांच ग्रामीण दब गए। मुख्यमंत्री ने तीन लोगों की मृत्यु पर दु:ख प्रकट किया है।
प्राप्त समाचारों के अनुसार सिलतरा स्थित निजी कंपनी के द्वारा राखड़ को कंपनी के बाहर डंप किया जा रहा था। अधिकांश समय इस राखड़ का स्थानीय निवासी निकालकर इसलिए ले जाते है कि इसमें कोयला दबा रहता है और जिसको धोने के बाद वे जलाकर खाना बनाने के उपयोग में लाते हैं। सूचना मिलते ही तत्काल प्रशासनिक अमला व बचाव दल वहां पर पहुंचा और दबे ग्रामीणों को राख के ढेर से बाहर निकाला, लेकिन तब तक तीन लोगों की सांसे थम चुकी थी जिनमें दो महिलाएं एवं एक पुरुष शामिल था। दो अन्य लोगों को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती किया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है।
मरने वालों के नाम मोहर बाई उम्र 50 वर्ष, पुनीत कुमार मनहरे उम्र 22 वर्ष, पांचो गहरे उम्र 32 वर्ष हैं। मोहर बाई और पुनीत मां बेटे थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर के सिलतरा इलाके में राखड़ खुदाई करते वक्त तीन लोगों की मृत्यु पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। उन्होंने हादसे में घायलों को त्वरित और बेहतर उपचार के साथ ही अन्य जरूरी मदद उपलब्ध कराने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
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