रायपुर (khabargali)सांसारिकता से आध्यात्मिकता की ओर के सफर को बयान करती पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ कॉग्रेसी श्री स्वरूपचंद जैन जी की पुस्तक ‘द स्पिरिचुअल जर्नी ऑफ माय लाइफ’ का विमोचन हुआ । पिरामिड स्पिरिचुअल सोसाइटी मूवमेंट के प्रमुख ब्रह्मर्षि सुभाष पत्री जी के करकमलों द्वारा पुस्तक का विमोचन किया गया । कैलाश हॉल में हुए पुस्तक विमोचन के इस भव्य समारोह में शहर के गणमान्य अतिथि मौजूद थे । श्री कमल सारडा एवं गुरुबख्श छाबड़ा जी, श्री देवीचंद जैन जी के अलावा मुंबई से आये महेश अग्रवाल जी ने भी इस समारोह में शिरकत की एवं पुस्तक के लेखक श्री स्वरूपचंद जैन के साथ के अपने आध्यात्मिक अनुभवों को साझा किया ।
‘द स्पिरिचुअल जर्नी ऑफ माय लाइफ’ के बारे में बताते हुए श्री स्वरूपचंद जैन ने कहा कि 9 साल किसी बच्चे के मन मस्तिष्क पर आसपास के माहौल का गहरा प्रभाव पड़ता है । उसी दौर में उन पर पड़े पारिवारिक सकारात्मक प्रभाव ने उनमें आध्यात्म में रुचि पैदा की है । उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एक विदेशी शोधकर्ता को 300 वर्ष पुराना पेड़ मिला जो कि टूट चुका था, उसका तना भी सूख चुका था, यू ही धरती पर पड़ा था । लेकिन उसे साफ करके गौर से देखने पर पता हुआ कि वो पेड़ जीवित है । असल में उसके आस-पास मौजूद पेड़.-पौधे उसे जीवित रहने के लिए पोषण दे रहे थे । उन्होने कहा कि यदि पेड़ पौधों में ये भाव है तो हम क्यों नहीं अपने आस पास मौजूद अध्यात्मिक लोगों से ये उर्जा प्राप्त करें ।
पुस्तक विमोचन के अवसर पर ब्रह्मर्षि सुभाष पत्री जी ने लेखक को बधाई देते हुए कहा कि अध्यात्म का बड़ा महत्व है । उन्होंने अपने संस्मरण बताते हुए कहा कि वे पूर्व में स्वयं हर एक भक्ति स्थल पर भक्तों से मिलकर ध्यान और मोक्ष का मार्ग पूछा करते थे । किन्तु अध्यात्म और मोक्ष पाने की उनकी तड़प केवल स्वयं ध्यान में लीन होने से पूर्ण हुई ।
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