शर्नानाक : स्कूल बस में 5 साल की बच्ची से बस में कंडक्टर ने किया दुष्कर्म.. पहले भी घट चुकी हैं ऐसी घिनौनी घटनाएं...यहां पढ़ें

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मुंगेली (khabargali) समाज में ऐसे वहशियों की संख्या बढ़ती जा रही है जो अपनी कुत्सित मानसिकता के चलते ऐसी घटनाओं को अंजाम देते वक्त पुलिस और कानून के खौफ से परे रहते हैं। आजकल छोटी बच्चियों के साथ ऐसी शर्मसार करने वाली घटनाएं लगातार घट रहीं हैं कि जिन्हें जानकर पालकों की बैचेनी बढ़ने लगी है कि कहीं उनकी बच्चियां भी असुरक्षित तो नहीं।

छत्तीसगढ़ में बुधवार को ऐसी ही घिनौनी घटना घटी । मुंगेली में एक इंटरनेशनल स्कूल की बस में छह साल की बच्ची बच्ची को अकेला पाकर कंडक्टर ने ही दुष्कर्म किया। छात्रा स्कूल से बस में घर लौट रही थी और अकेली थी। बच्ची जब रोते हुए घर पहुंची और उसने परिजनों को बताया तो वे डॉक्टर के पास लेकर पहुंचे। इसके बाद मामला खुला। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी कंडक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। मामला कोतवाली क्षेत्र का है।

पुलिस के अनुसार घटना बुधवार की है, मुंगेली के एक निजी स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा रोज की तरह दोपहर डेढ़ बजे स्कूल बस से वापस घर लौट रही थी। आरोपी कंडक्टर मनीष नीलू तिवारी ने हैवानियत की हद पार करते हुए उससे कुकृत्य किया। पुलिस ने पहले बच्ची को चिकित्सीय परीक्षण के लिए जिला अस्पताल भेजा गया जहां बच्ची के साथ कुकृत्य होने की पुष्टि हुई । परिजनों की रिपोर्ट पर कोतवाली पुलिस ने धारा 376 क, ख, 6 पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज करते हुए आरोपी मनीष तिवारी को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है।

बच्ची जब घर पहुंची तब वह रो रही थी, जब उसकी मां ने उससे पूछा तो उसने बताया कि बस के दाढ़ी वाले अंकल ने उसके साथ गन्दी हरकत की है। मां ने जब देखा तो बच्ची के प्राइवेट पार्ट से ब्लीडिंग हो रही थी जिसे लेकर उपचार के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल लेकर पहुंची तो जांच के बाद डॉक्टर ने बच्ची के साथ घिनौनी हरकत होने की बात कही। जिसके बाद परिजन थाने पहुंचे और आरोपी कंडक्टर के खिलाफ अपराध दर्ज करने की मांग की।

हालांकि घटना के बाद बस चालक पर भी सवाल उठ रहे हैं। जब चलती बस में ऐसी हरकत हो रही थी तो चालक ने क्यों नहीं रोका। घटना के बाद से लोगों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है। साथ ही अन्य स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को लेकर अभिभावक काफी चिंतित हैं। इस घटना के बाद से हर स्कूल बसों में कैमरा लगाने की मांग की जा रही है।

पहले भी घटी हैं ऐसी घटनाएं

 घटना 1.

मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में एक स्कूल बस ड्राइवर को बीते जनवरी माह में चार साल की एक बच्ची का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। नाबालिग लड़की जब बुधवार को अपने स्कूल से बाहर आ रही थी, तो आरोपी ने उसे गेट पर रोक लिया और बाथरूम में ले गया, जहां उसने उसके साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ की। पुलिस के मुताबिक, उसने लड़की को किसी को बताने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी। गुरुवार को छात्रा ने प्राइवेट पार्ट में दर्द की शिकायत करते हुए स्कूल जाने से मना कर दिया। डरी सहमी बच्ची ने पहले तो अपने माता-पिता को कुछ नहीं बताया, लेकिन बाद में अपनी मां के समझाने पर घटना का खुलासा किया। पुलिस के अनुसार, उसने अपने माता-पिता से कहा कि सर ने उसके साथ बुरा स्पर्श किया है।

घटना 2.

पिछले साल भोपाल के रातीबड़ थाना इलाके में स्थित एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल की नर्सरी की छात्रा के साथ स्कूल बस में रेप का आरोप उसी बस के ड्राइवर पर लगा था। बच्ची के परिवार की शिकायत के बाद ड्राइवर और महिला हेल्पर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था। पीड़ित बच्ची की उम्र 3 साल 6 महीने है। मासूम 8 सितंबर को जब स्कूल से घर लौटी तो उसकी स्कूल ड्रेस बदली हुई थी। छात्रा की मां ने जब बच्चे से स्कूल ड्रेस बदले जाने का कारण पूछा तो उसने बताया कि ड्राइवर अंकल उसे अलग-अलग जगह छूते हैं और उन्हीं ने उसकी ड्रेस बदली है। इसके बाद परिवार ने अगले दिन स्कूल प्रबंधन से मुलाकात कर शिकायत दर्ज कराई और सीसीटीवी फुटेज दिखाने की मांग की।

घटना 3.

नीलबड़ स्थित बिलाबोंग स्कूल की साढ़े तीन साल की छात्रा के साथ आठ सितंबर को बस में दुष्कर्म की घटना सामने आई थी। बच्ची के घर लौटने पर उसके कपड़े बदले हुए थे। बच्ची ने अपनी मां को बस के चालक हनुमत जाटव के बारे में बताया था कि वह बैड टच करते हैं। इस पर बच्ची के स्वजनों ने स्कूल प्रबंधन से शिकायत की थी, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने कार्रवाई नहीं की तो मामला पुलिस के पास पहुंचा।

स्कूल प्रशासन को सतर्क रहने की जरूरत ऐसी घटनाएं

न घटे उसके लिए स्कूल प्रशासन को चाहिए कि वे स्कूल स्टाफ जैसे शिक्षक , चपरासी से लेकर बस ड्राइवर और कंडक्टर तक पर नजर रखें। उनकी पृष्ठभूमि, चालचलन और व्यवहार पर गौर करें। छोटे बच्चों से फीडबैक लेते रहें कि कोई उनके साथ असामान्य व्यवहार तो नहीं कर रहा। उन्हें बैड टच के बारे में बताएं। स्कूल प्रशासन को चाहिए स्कूल परिसर के अलावा बसों में भी सीसीटीवी कैमरे लगवाएं। बसों में महिला हेल्पर भी रखना सुनिश्चित करें।