सतनामी समाज का उग्र प्रदर्शन : एसपी दफ्तर-कलेक्टोरेट और तहसील कार्यालय में उपद्रव-आगजनी- पत्थरबाजी, फूंक डाले सैकड़ों गाड़ियां

Fierce protest by Satnami community, disturbance, arson, stone pelting in SP office, Collectorate and Tehsil office, hundreds of vehicles burnt, incident in Balodabazar, great resentment over breaking of Jaitkham in village Mahkoni, government employees as well as passersby were beaten up… uproar continued for two and a half hours, such a violent protest happened for the first time in Chhattisgarh, Khabargali

बलौदाबाजार की घटना, ग्राम महकोनी में जैतखाम तोड़ने की घटना को लेकर थी भारी नाराजगी

सरकारी कर्मचारियों के साथ ही राहगीरों के साथ भी की मारपीट.. ढाई घंटे तक चला उत्पात

छत्तीसगढ़ में पहली बार हुआ ऐसा उग्र प्रदर्शन

मुख्यमंत्री ने दिए हाईलेवल जांच के निर्देश...16 जून तक धारा 144 लगी

बलौदाबाजार (khabargali) बलौदाबाजार में आज नाराज सतनामी समाज के हजारों लोगों ने शहरभर में हिंसक प्रदर्शन करते हुए उपद्रव-आगजनी किया। शहर में अभी भी तनावपूर्ण माहौल है। प्रशासन ने 16 जून तक धारा 144 लगा दी है।

दरअसल बलौदाबाजार जिले के ग्राम महकोनी में गत 15 और 16 मई की दरमियानी रात को कुछ अज्ञात लोगों ने बलौदाबाजार जिले के गिरौदपुरी धाम में पवित्र अमर गुफा में स्थित सतनामी समाज द्वारा पूजे जाने वाले ‘जैतखंभ’ में तोड़फोड़ की थी। इसे लेकर समाज में भारी गुस्सा था। मामले में अब तक हुई कार्रवाई से उपजे असंतोष समेत कई अन्य मुद्दों को लेकर सोमवार को जिला मुख्यालय में हजारों की संख्या में जुटे सतनामी समाज के लोग प्रदर्शन के दौरान उग्र और हिंसक हो गए। भीड़ ने कलेक्टोरेट परिसर में दर्जनों दोपहिया व चारपहिया वाहनों में तोड़फोड़ करने के बाद एसपी कार्यालय में आग लगा दी। यहां तैनात पुलिस जवानों ने जब उन्हें रोकना चाहा, तो प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसके बाद भीड़ कलेक्टोरेट में कंपोजिट बिल्डिंग में स्थित जिला पंजीयक कार्यालय, संयुक्त संचालक कृषि कार्यालय पहुंची और पार्किंग में खड़े वाहनों को क्षतिग्रस्त कर आग लगाने लगी। भारी पथराव से कलेक्टोरेट के ज्यादातर दफ्तरों में जबर्दस्त नुकसान हुआ है। कलेक्टोरेट में दुपहिया वाहनों के अलावा दमकल विभाग की एक गाड़ी को भी उपद्रवियों ने भी फूंक दिया।

वहीं वापसी के दौरान तहसील कार्यालय में भी उन्होंने तोड़फोड़ कर आग लगा दी और यहां के स्टाफ के साथ मारपीट की। प्रदर्शनकारियों ने रास्ते में आम लोगों से भी मारपीट की। छत्तीसगढ़ के इतिहास में एसपी और कलेक्टर दफ्तरों पर भीड़ के हमले और आगजनी की यह संभवत: पहली घटना है। अपुष्ट जानकारी के अनुसार पुलिस ने उपद्रव के आरोप में एक दर्जन से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है।

लगभग 10 हजार प्रदर्शनकारी रैली की शक्ल में निकले थे और घटना को दिया अंजाम

बताया जाता है कि सुबह 10 बजे से ही प्रदेश के विभिन्न हिस्सों ने समाज के लोग नगर के दशहरा मैदान में इकठ्ठा हुए। यहां बड़ा सा पंडाल भी लगाया गया था। लगभग पौने तीन बजे लगभग 10 हजार प्रदर्शनकारी रैली की शक्ल में निकले और जिला प्रशासन व पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए शासकीय कार्यालयों तक पहुंच गए। यहां सुरक्षा को लेकर की गई बेरिकेडिंग को तोड़ते हुए मौके पर तैनात पुलिस के जवानों के साथ उनकी झड़प और जमकर धक्का-मुक्की की और वहाँ रखे दोपहिया और चारपहिया वाहनों में तोड़फोड़ करते आग भी लगा दिया। इतना ही नहीं, वहां खड़ी दमकल गाड़ी में भी तोड़फोड़ कर आग लगा दिया। इसके पहले कि पुलिस सख्त रवैया अपनाती, प्रदर्शनकारी एसपी कार्यालय पहुंच गए और वहां आगजनी कर दी। इससे पूरी बिल्डिंग धूं-धूं कर जलने लगी। करीब ढाई घंटे तक उत्पात मचाने के बाद जब पुलिस सख्त हुई और लाठीचार्ज शुरू किया तो प्रदर्शनकारी भाग निकले। कंपोजिट बिल्डिंग में बड़ी संख्या में पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए हैं।

इस दौरान पूरा प्रशासन असहाय-सा नजर आ रहा था। वापसी के दौरान प्रदर्शनकारियों ने तहसील कार्यालय में भी तोड़फोड़ और आगजनी की। इतने उत्पात के बाद पुलिस जब तक एक्शन में आई, करोड़ों रुपए की सरकारी संपत्ति जलकर स्वाहा हो चुकी थी। पुलिस को सख्त होता देख प्रदर्शनकारी वहां से पलटकर भागने लगे। पूरे शहर में तनाव का माहौल निर्मित हो गया था। पूरा शहर बंद-सा हो गया था। इस समय तक शहर के चप्पे-चप्पे पर जवान तैनात हो गए थे।

राहगीरों पर भी टूटा प्रदर्शनकारियों का कहर

 बताया जाता है कि प्रदर्शनकारियों ने आमजनों के साथ भी जमकर मारपीट करने के अलावा तहसील परिसर स्थित दस्तावेज लेखकों की दुकानों में प्रवेश कर भी पिटाई और तोड़फोड़ की। यहां उपस्थित पक्षकार, आमजन व दुकानदारों ने किसी तरह समीप स्थित सिटी कोतवाली परिसर, न्यायालय परिसर व अन्य स्थानों में पहुंचकर अपनी जान बचाई। दस्तावेज लेखकों ने बताया कि आक्रमण करने वाले लोग हाथ में बांस, डंडा, लकड़ी का बत्ता लिए हुए थे, जिन्होंने बिना किसी बातचीत के सीधे मारपीट शुरू कर दी।

न्यायिक जांच की घोषणा और शांति बनाए रखने की अपील की गई थी

जैतखाम में तोड़फोड़ की घटना के मामले में पुलिस ने तीन लोगों की गिरफ्तारी भी की है, लेकिन समाज इससे असंतुष्ट था। वह पुलिस पर इस घटना के जिम्मेदारों को बचाने का आरोप लगा रहा है। साथ ही सीबीआई जांच की मांग भी कर रहा है। घटना के प्रकाश में आते ही मुख्यमंत्री ने इसकी संवेदनशीलता को देखते हुए पहले ही मामले की न्यायिक जांच के लिए उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा को निर्देशित कर दिया था। इस पर गृह मंत्री ने न्यायिक जांच की घोषणा भी की थी। दो दिन पूर्व कलेक्टर व एसपी द्वारा सर्व समाज की बैठक लेकर शांति बनाए रखने की अपील करने के बावजूद सोमवार को पूर्व घोषित प्रदर्शन के दौरान सतनामी समाज हिंसक हो उठा।

सीएम बोले, सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नई दिल्ली से लौटने के बाद अपने निवास पर सोमवार को बलौदाबाजार जिला मुख्यालय में उग्र प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ व आगजनी की घटना को लेकर उच्च स्तरीय बैठक ली। उन्होंने मुख्य सचिव अमिताभ जैन व डीजीपी अशोक जुनेजा से हालात की जानकारी ली और मामले की रिपोर्ट मंगाई है। सीएम ने सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने नागरिकों से सौहार्द्र बनाए रखने की भी अपील की है। मुख्यमंत्री ने रायपुर संभाग के कमिश्नर और आईजी को तत्काल मौके पर भेजा। उन्होंने कहा है, प्रशासनिक अमला लगातार अलर्ट रहकर एहतियाती कदम उठाए। बेहतर समन्वय के साथ काम करते हुए शांति व व्यवस्था की स्थिति पर लगातार नजर रखें। पूर्ववत व्यवस्था की बहाली के लिए जल्द से जल्द कदम उठाएं।