शिमला (khabargali) हिमाचल प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष एवं नादौन विधानसभा क्षेत्र से चौथी बार विधायक चुने गए सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू के नाम पर मुहर लगा दी है। बता दें कि सुक्खू 11 दिसंबर को सुबह 11 बजे शपथ लेंगे। वहीं कांग्रेस आलाकमान ने राज्य में डिप्टी सीएम के तौर पर हरोली से कांग्रेस विधायक मुकेश अग्निहोत्री के नाम पर मुहर लगाई है। पार्टी के इस फैसले के बाद सुक्खू ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का आभार व्यक्त किया। सुक्खू ने कहा कि पार्टी द्वारा जनता से जो भी वादे किये गए हैं, उन्हें पूरा करेंगे।
बता दें कि शिमला में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में कांग्रेस के हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा वीरभद्र सिंह सहित कई अन्य नेता मौजूद रहे। चुनाव नतीजों की बात करें कांग्रेस ने हिमाचल विधानसभा चुनाव में 40 सीटों पर कब्जा किया है। वहीं भाजपा की झोली में 25 सीटें हैं। सुखविंदर सुक्खू सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ समारोह के लिए तैयारियां शुरू हो गईं हैं। सुक्खू के गांव सेरा में जश्न का माहौल है। माता संसार देई, पत्नी कमलेश ठाकुर और दोनों बेटियां फूली नहीं समा रही हैं।
अकेले-अकेले मुलाकात की हर विधायक से
इससे पहले चुनाव पर्यवेक्षक व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने राजधानी शिमला के चौड़ा मैदान स्थित सिसिल होटल में हर विधायक से अकेले-अकेले मुलाकात की। पांच बजे विधानसभा परिसर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई। बैठक के बाद प्रदेश के नए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नाम का एलान किया गया। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनाव पर्यवेक्षक भूपेश बघेल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और राजीव शुक्ला को विधायक दल की बैठक के बाद सीएम के नाम का एलान करने को कहा था।
प्रतिभा समर्थक नारेबाजी करते रहे
हरोली से कांग्रेस विधायक मुकेश अग्निहोत्री विधायक दल की बैठक छोड़कर बाहर चले गए। चौड़ा मैदान स्थित सिसिल होटल के बाहर प्रतिभा सिंह के पक्ष में समर्थक जमकर नारेबाजी करते रहे। समर्थकों को रोकना पुलिस के लिए मुश्किल हो गया था। प्रतिभा समर्थक हाईकमान होश में आओ, हॉलीलॉज सातवीं बार के नारे लगाते रहे। समर्थकों ने आरोप लगाया कि पहले सोची समझी साजिश के तहत प्रतिभा सिंह को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया। छह बार मुख्यमंत्री रहे दिवंगत वीरभद्र सिंह के नाम पर वोट लिए, अब अनदेखी की गई।
ऐसे बदला समीकरण
गुरुवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम आए। 68 विधानसभा सीटों वाले हिमाचल में कांग्रेस के 40 प्रत्याशियों ने जीत हासिल की, जबकि भाजपा 25 पर सिमट गई। कांग्रेस की जीत के साथ ही पार्टी में मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद शुरू हो गया। शुक्रवार को दिनभर शिमला स्थित पार्टी मुख्यालय राजीव भवन में हंगामा होता रहा। बड़ी संख्या में प्रतिभा सिंह के समर्थक नारेबाजी करते रहे। वहीं, प्रचार समिति के प्रमुख रहे सुखविंदर सिंह सुक्खू के समर्थक भी उनके पक्ष में नारेबाजी करते रहे। हालांकि, सुक्खू खुद को मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर बताते रहे। इसके बाद रात 10 बजे विधायक दल की बैठक हुई। इसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के चुनाव पर्यवेक्षक भूपेश बघेल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला, सह प्रभारी गुरकीरत सिंह कोटली भी मौजूद रहे।
बैठक में संजय सूद, तजेंद्र पाल बिट्टू और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद प्रतिभा सिंह विशेष रूप से मौजूद रहीं। इसमें हर विधायक से बारी-बारी चुनाव पर्यवेक्षकों ने बात की। इनसे सीएम पद के लिए दो-दो नाम पूछे गए। उनकी अच्छाई और कमी भी पूछी गई। इसके बाद सभी विधायकों ने एक स्वर में एक प्रस्ताव पारित किया। इसमें कहा गया कि कांग्रेस हाईकमान जो भी फैसला लेगा वह सभी विधायकों को मंजूर होगा। फिर ये प्रस्ताव कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेज दिया गया।
प्रियंका गांधी की अहम भूमिका रही
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस भले ही चुनाव जीत गई हो, लेकिन मुख्यमंत्री को लेकर पार्टी में एक नाम पर सहमति बनती नहीं दिख रही थी । ऐसे में सूत्रों के जरिए खबर ये आई थी कि सीएम पद के दावेदारों में हो रही खींचतान के बीच कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी हिमाचल के नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर सकती हैं । कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, जिन्हें पार्टी के नेताओं ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत का श्रेय दिया है । प्रियंका गांधी इन चुनावों के लिए रणनीति बनाने में भी वो शामिल थीं । कई नेताओं ने पार्टी की जीत और भाजपा की चुनाव मशीनरी को हराने में उनके नेतृत्व की सराहना भी की है. प्रचार की कमान संभालते हुए प्रियंका गांधी की यह पहली चुनावी सफलता है । पार्टी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव हार गई थी, सिरमौर, कांगड़ा, सोलन और ऊना में अपनी रैलियों के दौरान प्रियंका गांधी ने अग्निपथ, महंगाई, बेरोजगारी और पुरानी पेंशन योजना के मुद्दे उठाए थे ।
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