वर्ष 2021 में " ख़बरगली रत्न सम्मान" से सम्मानित हुए थे
अब यादें शेष... देखें, रमेश शर्मा जी के बनाए 20 कलाकृति और उनकी कुछ यादगार तस्वीरें
रायपुर (खबरगली) नेहरू नगर, गुरु दत्ता मॉल कॉलोनी, पुलिस लाइन निवासी वरिष्ठ पत्रकार,चित्रकार रमेश चंद्र शर्मा (80 वर्ष) का निधन हो गया। उनका जीवन भी एक प्रेरक तपस्या से कम नहीं रहा। एक बेहद सज्जन और मृदुभाषी के रूप में उनकी लोकप्रियता प्रदेश में उन लोगों के बीच बनी है जो उन्हें जानते थे । श्री शर्मा ने राजधानी से प्रकाशित विभिन्न समाचार पत्रों में अपनी सेवाएं दी थीं। वे इंटीरियर डिजाइनर देवयानी शर्मा के पिता, जयद्रथ शर्मा के बड़े भाई, मनु शर्मा, अभिषेक शर्मा, नियति शर्मा के बड़े पिता और न्यूज24 मध्यप्रदेश/छत्तीसगढ़ के स्थानीय संपादक आशीष तिवारी के ससुर थे। अंतिम संस्कार मारवाड़ी श्मशान घाट में किया गया।
1967 से सक्रिय थे श्री शर्मा पत्रकारिता में
1967 से 1995 तक वे देशबंधु अखबार में कार्यरत रहे और वहाँ जम कर अपनी कला साधना की। उसके बाद क्रमशः उन्होंने दैनिक भास्कर में 14 वर्ष, तहलका, हरिभूमि, महाकौशल, दैनिक नवभारत, चैनल इंडिया , लोकमाया में कार्य किया। इस बीच श्री शर्मा ने जैन चातुर्मास रिपोर्टिंग के चलते श्री कमल मुनि, मनीष सागर, विद्या सागर, दिगम्बर स्वामी और तरूण सागर जी के दिव्य वचनों को आम लोगों तक पहुँचाने का कर्तव्य निभाया। एक श्रेष्ठ अनुवादक के रूप में मीडिया में उनकी पहचान खूब रही।
ऐसी रही उनकी जीवन यात्रा
19 अक्टूबर 1945 को राजधानी के ही राजातालाब में जन्में रमेश जी की यात्रा बेहद दिलचस्प और प्रेरणादायक है। प्रदेश के सारागांव से शरू होते क्रमशः बैजनाथ पारा , रायपुर और कालीबाड़ी स्कूल से उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा लेते हुए अजीजिया स्कूल अंग्रेजी स्कूल छोटापारा से मैट्रिक किया। फिर छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीए और एम ए किया उसके बाद 1969 में दुर्गा कॉलेज से पत्रकारिता की डिग्री ली। इस बीच उन्होंने 1961 में फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर के एजेंट के रूप में पहली नौकरी शुरू की। इसके बाद जनगणना कार्यालय और कृषि विभाग में काम किया।
इसके बाद पूरे 29 साल उन्होंने देशबंधु अखबार में नौकरी की। उन दिनों देशबंधु अखबार का नाम नई दुनिया हुआ करता था। 1967 से 1995 तक वे देशबंधु अखबार में कार्यरत रहे और वहाँ जम कर अपनी कला साधना की। देशबंधु के साहित्य विभाग से निकलने वाले सारे अंक के मुख्य पृष्ठ में उनकी कला को हजारों पाठकों ने देखा। उसके बाद 1995 से 2009 तक वो दैनिक भास्कर रायपुर में कार्यरत रहे। भास्कर छोड़ने के बाद क्रमशः उन्होंने तहलका, हरिभूमि, महाकौशल, नवभारत में सेवाएं दी। चैनल इंडिया में वे जनरल मैनेजर के पद पर भी कार्यरत रहे। उसके बाद लोकमाया अखबार में प्रधान संपादक भी रहे। संशाधनों की कमी के चलते उन्होंने कई अहम सरकारी पदों से वो वंचित भी रहे।
उम्रदराज होने के बाद भी इस बीच श्री शर्मा ने जैन चातुर्मास रिपोर्टिंग के चलते श्री कमल मुनि, मनीष सागर, विद्या सागर, दिगम्बर स्वामी और तरूण सागर जी के दिव्य वचनों को आम लोगों तक पहुँचाने का कर्तव्य निभाया। एक श्रेष्ठ कलाकार और अनुवादक के रूप में मीडिया में उनकी पहचान खूब रही।
रमेश जी एक बेहतर रंगोली कलाकार के रूप में भी बेहद प्रसिद्ध रहे, दीपावली के दौरान उनकी द्वारा उकेरी भव्य और सुंदर रंगोली के देखने लोग दूर- दूर से आते थे। पेंसिल आर्ट, वॉटर कलर्स, पोस्टर और ऑइल पेंट, पोट्रेट से लेकर श्री रमेश शर्मा ने कला के सारे अंगो में नैसर्गिक प्रतिभा जन्मजात पाई। उनके बनाए कामों को ख़बरगली यहां प्रकाशित भी कर रहा है। हालांकि ये काम उनकी कला साधना के समुंदर के कुछ अंश ही हैं। यहाँ एक बात का उल्लेख जरूरी है श्री रमेश शर्मा की इकलौती संतान देवयानी पूरी की पूरी अपने पिता की परछाई है। देवयानी भी एक बेहतरीन कलाकार है, आजकल वे एक सफल इंटिरियर डिज़ाइनर है।
ख़बरगली परिवार पुण्यात्मा श्री रमेश शर्मा जी को सादर श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
खबरगली ने जब किया था सम्मानित
परिवार के साथ श्री शर्मा
रमेश जी की बनाई शानदार कलाकृतियां
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