तवांग झड़प: घुसे चीन के 300 सैनिक, भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दे कर वापस खदेड़ा

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नई दिल्ली (khabargali) अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों बीच 9 दिसंबर को झड़प हो गई. इस झड़प में दोनों देशों के कई सैनिक घायल हुए हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख, एनएसए अजीत डोभाल समेत तमाम अधिकारियों के साथ बैठक की. यह मुद्दा संसद तक पहुंचा. रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस झड़प में भारतीय सैनिक मामूली रूप से घायल हैं, जिन्हें गुवाहाटी के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

रक्षा मंत्रालय ने बयान में कहा कि झड़प के बाद दोनों देशों के आर्मी कमांडरों ने एक फ्लैग मीटिंग की, जिसमें क्षेत्र में शांति बहाली पर बात की गई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मामले में लोकसभा में बयान भी दिया है. राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को बहादुरी से जवाब दिया है. रक्षा मंत्री ने बताया कि भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को उनकी पोस्ट पर वापस खदेड़ दिया. इस झड़प में न कोई भारतीय सैनिक शहीद हुआ है और न ही कोई गंभीर रूप से जख्मी. 9 दिसंबर को भारतीय सेना के सैनिकों के साथ संघर्ष के दौरान अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एलएसी पर चीनी सेना (पीएलए) के 300 से अधिक सैनिकों को भेजा गया था, लेकिन उन्हें उम्मीद नहीं थी कि भारतीय पक्ष भी पूरी तरह से तैयार होगा। घायल भारतीय सैनिकों को गुवाहाटी के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. चीन की मीडिया इस मामले पर पूरी तरह चुप्पी साधे हुए है.

चीनी सेना की निगाहें पूरे एलएसी पर रही हैं लेकिन अरूणाचल प्रदेश के तवांग जिले को लेकर उसका मंसूबा बार-बार सामने आता रहा है.1962 के युद्ध के समय चीन ने भारत के पूर्वोत्तर हिस्से में अपने सैनिकों का सबसे बड़ा जत्थे से तवांग के रास्ते असम तक घुसपैठ करवाया था.कुछ समय के लिए तवांग चीन के कब्जे में रहा था। अक्टूबर, 2021 में चीन के दो सौ सैनिकों का एक दल तवांग स्थित भारत-चीन-भूटान सीमा के पास भारतीय गांव में घुस आया था, जिसे बाद में भारतीय सैनिकों ने खदेड़ा था. इस बार भी चीनी सेना के मंसूबे कुछ ऐसे ही थे लेकिन भारतीय सैनिकों के सामने एक बार फिर चीनी सेना को मुंह की खानी पड़ी.