- डॉ. जयेश कावड़िया के वॉलपेपर से
सहित्य डेस्क (khabargali)
आज भारत ने कोविड टीकाकरण का एक वर्ष पूरा किया! इस दौरान 156 करोड़ से ज्यादा टीके देशवासियों को मुफ्त लगाए। लगभग इतने ही टीके 100 से ज्यादा देशो को निर्यात भी किये। वसुधैव कुटुंबकम कि भावना से।
अगर यह टीका विकसित नही होता तो इस विशाल जनसंख्या वाले भारत का क्या हाल होता.... मृतको का आंकड़ा कहां जाकर थमता। यह विचार मात्र ही घबराहट पैदा कर देता है। मन बैचेन हो जाता है। दिल दहल जाता है।
देश मे पहला केस 4 जनवरी 2020 को आया था और तभी देश के नेतृत्व ने इसके टीके को विकसित करने का निर्णय ले लिया था व करोड़ो ₹ का बजट आवंटित कर दिया था। मध्य फरवरी मे टीका विकास कार्यक्रम आरंभ भी हो गया था। हमारे देश के चिकित्सा वैज्ञानिक, ICMR, विभिन्न वैक्सीन निर्माता इस काम मे दिन रात लगे रहे। प्रधानमंत्री मोदी इसे व्यक्तिगत रूप से मानीटरिंग भी करते रहे व समय समय पर अपनी उपस्थिति से टीम को उत्साहित भी करते रहे। अंततः सफलता मिली और पहला टीका 16 जनवरी 2021 को लगा भी। और एक साल बाद जनवरी 2022 के आंकड़े सभी देख रहे है।
इसके पहले भी देश मे अन्य टीकाकरण कार्यक्रम चलते रहे वो भी बिना विपक्षी बाधा के परंतु आशातीत सफलता के लिए दशको मेहनत करनी पडी। कोविड टीकाकरण मे एक बार एक वक्त कम टीकाकरण होने लगे तो सरकारी टीम को तुरंत घर घर भेज टीकाकरण कराया गया । दूरस्थ स्थानो पर ड्रोन से टीके भेजे गये। इस के पीछे देश के नेतृत्व कि निश्चल भावना व जिम्मेदार भाव सराहनीय है।
अभी कोविड का ओमीक्रान वेरिएंट अपने पांव फैलाए हुए है। पर आक्सीजन कि मारामारी, एडमिशन, वेंटिलेटर कि कोई मारामारी नही है। लोग घर पर ही ठीक हो रहे है। लोगो कि आंखो मे गत वर्ष जैसा भय नही है। जो भर्ती हो रहे है उनमे टीका न लगवाने वाले लोग ज्यादा है। यह दर्शाता है कि कोविड टीकाकरण कि यह उपलब्धि असाधारण उपलब्धि है इसकी सफलता के लिये इसको "बनाने से लगाने वालो" के साथ साथ देश के कुशल नेतृत्व मोदी को हार्दिक बधाई व विनम्र धन्यवाद।
(लेखक डॉ. जयेश कावड़िया अंचल के प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ और समाजसेवी हैं; साथ ही एक अच्छे वाइल्ड फोटोग्राफर, व्यंग्यकार और कार्टूनिस्ट भी हैं)
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