डोंगरगढ़ (khabargali) आंध्र प्रदेश स्थित विश्व प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में भक्तों को दिए जाने वाले लड्डू में उपयोग होने वाले घी में पशुओं की चर्बी मिलाने के समाचार पर अभी प्रतिक्रियाएं आ ही रही हैं। लगातार देश के सभी राज्यों के मंदिरों में वितरण होने वाले प्रसाद की जांच की जा रही है। इस कड़ी में इसी बीच नवरात्रि से पहले छत्तीसगढ़ से एक बड़ी खबर सामने आई है । मां बम्लेश्वरी देवी के भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ का मामला सामने आया है । जो मां बम्लेश्वरी माता मंदिर के प्रसाद से जुड़ा है। राजनांदगांव खाद्य विभाग के गुरुवार को पड़े छापे से पता चला है कि मां बम्लेश्वरी को चढ़ने वाला चिरौंजी दाना मजहर खान नामक व्यक्ति के मुर्गी पालन पोल्ट्री फार्म में बनता है। मजहर खान के पोल्ट्री फार्म में बड़ी मात्रा में ‘श्री प्रसाद’ नाम से इलायची दाना बनाया जा रहा था।
गुरुवार को खाद्य सुरक्षा टीम ने डोंगरगढ़ थाना क्षेत्र स्थित एक फैक्ट्री में छापा मारा। यहां बड़ी मात्रा में मंदिर में चढ़ने वाले 'श्री भोग प्रसाद' के पैकेट जब्त किए गए।
चौंकाने वाला खुलासा
जब टीम ने दबिश दी तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। पोल्ट्री फार्म में मां बम्लेश्वरी को चढ़ने वाले'श्री भोग प्रसाद' नाम से इलायची दाना बनाया जा रहा था। मौके पर टीम को बड़ी मात्रा में प्रसाद के पैकेट मिले हैं, जिस पर माता बम्लेश्वरी की फोटो भी लगी है।साथ ही इस पैकेट पर लिखा है- 'साफ और पवित्र वातावरण में निर्मित'। दबिश के दौरान यह भी खुलासा हुआ है कि संचालित फैक्ट्री का पंजीयन नहीं है। साथ ही पैकेजिंग में बड़ी गड़बड़ी दिखी। इसमें मानक, तिथि, बैच नंबर भी अंकित नहीं है। खाद्य विभाग की टीम ने प्रसाद का सैंपल जांच के लिए ले लिया है। इससे साफ जाहिर होता है कि जिले में किस तरह आस्था का केंद्र माता बम्लेश्वरी देवी, माता भवानी जैसे प्रतिष्ठित देवी को लगने वाले भोग-प्रसाद इलायची दाना किन स्थानों से कैसा तैयार होता है। साथ ही सवाल उठने लगे हैं कि आखिर कैसे लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ की जा रही है.।
मंदिर प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद मंदिर प्रशासन ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त की है और इस बात की जांच कराने की बात कही है कि किस तरह से इस प्रसाद की आपूर्ति मंदिर के पास की दुकानों में की जा रही थी। मंदिर में चढ़ने वाला प्रसाद भक्तों की आस्था से जुड़ा हुआ होता है, और इस प्रकार की लापरवाही न सिर्फ आस्था को ठेस पहुंचाती है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी खतरा हो सकती है।
पिछले वर्ष मां बम्लेश्वरी के दर्शन करने आये थे प्रधानमंत्री मोदी
उल्लेखनीय है कि चार नवम्बर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ पहुंचकर मां बम्लेश्वरी मंदिर में दर्शन और पूजन किया था। पीएम मोदी जैन तीर्थ चंद्रगिरी गए और वहां आचार्य श्री विद्यासागर का आशीर्वाद लिया था। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अपने एक पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा था “छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी के दिव्य दर्शन और पूजन से मन को बहुत संतोष मिला। उनसे राज्य के अपने परिवारजनों की सुख-समृद्धि की कामना की।
2000 हजार वर्ष पुराना है मां बम्लेश्वरी का मंदिर
राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ की पहाड़ियों पर स्थित मां बम्लेश्वरी का भव्य मंदिर है। राज्य की सबसे ऊंची चोटी पर विराजमान डोंगरगढ़ की मां बम्लेश्वरी मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। पहाड़ के नीचे छोटी बम्लेश्वरी माता का भी मंदिर है। वैसे तो साल भर यहां भक्तों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन इस कामाख्या नगरी में नवरात्रि के दौरान अलग ही दृश्य होता है। डोंगरगढ़ में जमीन से करीब 2 हजार फीट की ऊंचाई पर विराजती है मां बमलेश्वरी। मां की एक झलक पाने के लिए दूर-दूर से भक्तों का जत्था माता के इस धाम में पहुंचता है। कोई रोप वे का सहारा लेकर तो कोई पैदल ही चलकर पहुंचता है। मां बम्लेश्वरी को उज्जैन के महाप्रतापी राजा विक्रमादित्य की कुलदेवी भी माना जाता है। मंदिर की अधिष्ठात्री देवी माँ बगुलामुखी हैं। यह कलचुरी कालीन मंदिर है। इसका निर्माण लगभग 2000 वर्ष पूर्व हुआ था।
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