पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया
लखनऊ (khabargali) पूर्व बाहुबली मुख्तार अंसारी और उनके भाई बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी को 2007 में दर्ज हुए गैंगस्टर एक्ट केस में उत्तर प्रदेश की गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट से कारावास की सजा सुनाई गई है, साथ ही भारी-भरकम जुर्माना भी लगाया गया है. मुख्तार की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेशी हुई थी. हालांकि अफजाल अंसारी अदालत में पेश हुए थे और सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया.
इतनी हुई सजा
मुख्तार को दस साल की सजा मिली है और पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है तो वहीं अफजाल को चार साल की जेल और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. 2007 में मुख्तार अंसारी और उनके भाई अफजाल अंसारी के अलावा उनके बहनोई एजाजुल हक के खिलाफ भी गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था. एजाजुल हक की मौत हो चुकी है.
ये था मामला
मुख्तार के खिलाफ बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय और नंदकिशोर गुप्ता रुंगटा की हत्या के मामले में गैंगस्टर केस दर्ज हुआ था जबकि उसके भाई अफजाल पर कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में दर्ज केस के आधार पर गैंगस्टर केस लगा था. बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या 29 नवंबर 2005 में हुई थी. मोहम्मदाबाद के बसनिया चट्टी में कृष्णानंद राय समेत सात लोगों पर गोलियां बरसाकर उनकी हत्या की गई थी. हत्याकांड में एके-47 का भी इस्तेमाल हुआ था.
मुख्तार अंसारी मऊ जिले की मऊ सदर विधानसभा सीट से लगातार पांच बार विधायक रह चुके हैं. मुख्तार अंसारी ने 2022 में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था और उनकी सीट पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) से किस्मत आजमा रहे उनके बेटे अब्बास अंसारी विधायक चुने गए थे. मुख्तार अंसारी इस समय आपराधिक मामलों में बांदा की एक जेल में बंद हैं.
वहीँ अफजाल अंसारी यूपी के गाजीपुर से बीएसपी सांसद हैं. उन्हें चार साल कारावास की सजा मिली है. सजा मिलने के कारण अब उनकी संसद सदस्यता भी समाप्त हो सकती है. जनप्रतिनिधित्व अधिनियम कहता है कि फौजदारी मामले में दो साल या उससे ज्यादा की सजा पाने वाले किसी भी व्यक्ति को ‘ऐसी सजा की तारीख से’ अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और जेल में समय बिताने के बाद छह साल के लिए अयोग्यता बरकरार रहेगी.
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