
अंबिकापुर (Khabargali) बलरामपुर जिले के तातापानी पुलिस चौकी क्षेत्र अंतर्गत स्थित लुतिया डैम मंगलवार की रात करीब 11 बजे टूट गया। बांध टूटने से दो मकान पूरी तरीके से बाढ़ में बह गए, दोनों मकान में 8 लोग सोए थे, जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि 5 लोग अब भी लापता हैं। घटना के बाद गांव में शोक का माहौल है। पुलिस और प्रशासन की टीम लापता लोगों की तलाश में जुटी हुई है। फिलहाल राहत और बचाव कार्य जारी है।
बलरामपुर जिले में लगातार तेज बारिश होने के कारण लुतिया डेम रात 11 बजे के करीब टूट गया। बताया गया है कि पहाड़ में तीज बारिश होने के कारण पहाड़ की झरने का पानी बांध में आ रहा था और उसके बाद बांध लबालब भर गया। देखते ही देखते पूरा बांध टूट गया, लेकिन इस दौरान पहले से यहां पर कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया था और न ही जल संसाधन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे हुए थे।
यही वजह है कि यहां पर ऊंचाई में मकान बनाकर रह रहे दो परिवार के लोग गहरी नींद में जब सोए हुए थे, तब बांध के पानी की वजह से आने वाले बाढ़ में वे बह गए, घर का नामोनिशान मिट गया। रात 3 बजे के करीब कलेक्टर राजेंद्र कटारा और पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे और उन्होंने रेस्क्यू टीम के माध्यम से 2 लोगों की लाश को मौके से बरामद किया। इसमें 60 वर्षीय महिला बसतिया और उसकी बहू 26 वर्षीय रजंती शामिल है।
3 अस्पताल में भर्ती
प्रशासन द्वारा तीन लोगों को गंभीर हालत में इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया. वहीं जब सुबह होने लगी तब एक व्यक्ति का और लाश मिला है, यानी अब तक कुल 3 लोगों की लाश बरामद हो गई है। वही बताया जा रहा है कि अभी 3 लोग लापता है और उनकी तलाश एसडीआरएफ की टीम के द्वारा की जा रही है।
डेम में रिसाव हो रहा था लेकिन नहीं दिया ध्यान
डेम फूटने से आई बाढ़ में कई मवेशी भी बह गए हैं। दूसरी तरफ स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से डेम में रिसाव हो रहा था लेकिन इसके बाद भी जल संसाधन विभाग के अधिकारी इसका मरम्मत नहीं कर रहे थे जबकि इस साल लगातार पिछले दो महीना से अत्यधिक बारिश हो रही है उसके बावजूद जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने यहां पर पहले से कोई अलर्ट जारी नहीं किया था और न ही मुनादी कराया था अगर ऐसा किया गया होता तो लोगों की जान नहीं गई होती।
बताया गया है की डेम का निर्माण पहाड़ी के नीचे किया गया है और इसका निर्माण 50 साल पहले किया गया था लेकिन जल संसाधन विभाग के अधिकारी वास्तविक रूप से इस डेम का मरम्मत नहीं कर रहे थे सिर्फ कागजों में ही हर साल मरम्मत किया जाता था। यही वजह है कि इस साल डेम तेज बारिश के बीच बह गया।
- Log in to post comments