मुख्यमंत्री की अपील और चेतावनी का असर
रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ में पिछले 11 दिनों से चल रही कर्मचारी संगठनों की हड़ताल आज खत्म होने की संभावना है। बेमुद्दत हडताल के परिप्रेक्ष्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अपील एव चेतावनी को लेकर कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की बहुप्रतीक्षित बैठक शुरू हो गई है। यह बैठक पहले राजपत्रित अधिकारी संघ के शंकर नगर स्थित कार्यालय में होनी थी लेकिन भीड़ ज्यादा होने की वजह से इसे गवर्नमेंट स्कूल रायपुर के सभागार में किया जा रहा है । पूरा हॉल खचाखच भरा हुआ है एवं फेडरेशन के नेता अपनी बात रख रहे हैं। बैठक में बड़ी संख्या में कर्मचारी नेता एवं पदाधिकारी भी शामिल है जो अपनी अपनी बातें रख रहे हैं हालाकि मुख्यमंत्री की अपील और चेतावनी को लेकर कर्मचारियों में अच्छा खासा आक्रोश है, लेकिन पदाधिकारी सभी मुद्दों पर विचार विमर्श कर रहे हैं।
शंकर नगर स्थित राजपत्रित अधिकारी संघ की जगह छोटी पड़ गई थी
इससे पहले शंकर नगर स्थित राजपत्रित अधिकारी संघ के कार्यालय में फेडरेशन के नेताओं की बैठक हुई थी। फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा सहित सभी घटक संगठनों के नेता मौजूद थे। इस दौरान जिला संयोजकों से रिपोर्ट ली गई। बताया जा रहा है, जिला संयोजकों का कहना था कि मुख्यमंत्री की अपील के बाद सरकार को एक मौका देना चाहिए। हड़ताल खत्म कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलकर बात किया जाए। सरकार नहीं मानी तो हड़ताल का विकल्प मौजूद रहेगा। जगह छोटी होने और बैठक में भारी भीड़ इकट्ठी होने के कारण इसमें अव्यवस्था फैल गई थी। बाद में हड़ताल के भविष्य पर फैसला करने के लिए सभी नेताओं की बैठक रायपुर के बहुउद्देशीय स्कूल हॉल में शुरू हुई। बताया जा रहा है कि यह बैठक लंबी चलेगी।
हड़ताल के समर्थन में भी हुई नारेबाजी
शंकर नगर स्थित राजपत्रित अधिकारी संघ के कार्यालय में बैठक के दौरान बाहर खड़े कर्मचारी नेताओं ने हड़ताल के समर्थन में भी नारेबाजी की। उनका कहना था, अगर हड़ताल खत्म हुई तो सरकार कर्मचारी संगठनों की एकता को तोड़ देगी। उसके बाद ऐसा आंदोलन फिर खड़ा नहीं हो पाएगा। उन्होंने कर्मचारी नेताओं से हड़ताल पर अड़े रहने की बात कही। इधर बेमुद्दत हड़ताल के 12 वें दिन बूढ़ा तालाब स्थित धरना स्थल पर बड़ी संख्या में कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी कर रहे हैं और अपने 2 सूत्री मांग को बुलंद कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने अपील के साथ चेतावनी भी दी थी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को कर्मचारियों के लिए एक अपील जारी की थी। उसमें कहा गया था, लोगों की आवश्यकता से जुड़े काम रुक जाने से जनता को असुविधा हो रही है। अत: आप सभी कर्त्तव्यों का निर्वहन करें। मुख्यमंत्री ने लिखा कि हमारी सरकार कर्मचारी हित के लिए सदैव तत्पर है। पुरानी पेंशन योजना उसका एक उदाहरण है। राज्य के वित्तीय संसाधनों को देखते हुए हम कर्मचारी हित में निर्णय लेते रहे हैं, आगे भी लेते रहेंगे। बाद में प्रेस से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों को हड़ताल खत्म करने को लेकर चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा था, काम पर लौटो उसको बाद मिल लो, इसमें मुझे कोई तकलीफ थोड़े ही है। पहले काम पर लौटें तो सही। हड़ताल खत्म नहीं हाेने की स्थिति में कार्रवाई के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, जो लौट आएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी। जो आदेश है वह तो है। एक-दो तारीख तक ज्वाइन कर लेते हैं तो कोई कार्रवाई नहीं होगी। उसके बाद सर्विस ब्रेक भी होगा और तनख्वाह काटने की भी कार्रवाई होगी। इस चेतावनी के बाद कर्मचारी संगठनों की नाराजगी के साथ बेचैनी भी बढ़ गई।
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