मोदी सरनेम वाले मामले में नहीं मांगी माफी….
1977 में इंदिरा गांधी की सदस्यता छीन जेल की सजा सुनाई गई थी
नयी दिल्ली (khabargali) सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?’… कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस बयान को लेकर दर्ज मानहानि के मामले में उन्हें दोषी करार दिया गया है। गुजरात की सूरत सेशन कोर्ट के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने ने 2 साल की सजा सुनाई है। वायनाड सांसद के खिलाफ उनकी एक आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए मामला दर्ज किया गया था. हालांकि, अब इस मामले में राहुल को कोर्ट से तुरंत 30 दिन की जमानत भी मिल गई. उन्होंने सुनवाई के दौरान अपने बयान को लेकर माफी मांगने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने राहुल को इसी समय में ऊपरी अदालत में अर्जी दाखिल करने का वक्त दिया है. वे इस दौरान परमानेंट बेल के लिए भी आवेदन कर सकते हैं.
सुनवाई के दौरान राहुल गांधी ने कोर्ट से कहा कि मेरा इरादा गलत नहीं था. उनके बयान से किसी को नुकसान नहीं पहुंचा है. इसी के साथ उन्होंने इस मामले में अपने लिए कम सजा दिए जाने की मांग की है. कार्यवाही के दौरान राहुल गांधी कोर्ट में मौजूद रहे. इस दौरान गुजरात कांग्रेस के तमाम बड़े नेता उनके साथ मौजूद रहे. राहुल आज ही दिल्ली से सूरत पहुंचे थे. इस बीच सत्ताधारी बीजेपी ने मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाए जाने का स्वागत किया है.
क्या है पूरा मामला?
2019 के लोकसभा चुनाव में कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि आखिर सभी चोरों के सरनेम मोदी ही क्यों होते हैं? इस टिप्पणी पर काफी बवाल मचा था. जिसके बाद बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामला दर्ज करवाया था. कहा गया कि राहुल गांधी का बयान पूरे मोदी समाज के लिए अपमानजनक है और इससे पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया गया है. राहुल के खिलाफ इस मामले में क्रिमिनल डिफेमेशन का केस दर्ज कराया गया था.
दोनों पक्षो के वकील ने क्या कहा ?
पूर्णेश मोदी के वकील ने दलील देते हुए कहा कि राहुल गांधी के भाषण की सीडी साबित करते हैं कि उन्होंने रैली में टिप्पणी की थी. जिस पर राहुल गांधी के वकील ने तर्क दिया कि कार्यवाही शुरू से ही त्रुटिपूर्ण थी, क्योंकि सीआरपीसी की धारा 202 के तहत कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था. उन्होंने यह भी तर्क दिया कि पूर्णेश मोदी को इस मामले में एक पीड़ित पक्ष के रूप में शिकायतकर्ता होना चाहिए था. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के अधिकांश भाषणों में प्रधान मंत्री को लक्षित किया गया था. राहुल गांधी पर धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था। वह आखिरी बार अक्टूबर 2021 में सूरत की अदालत में पेश हुए थे और अपना बयान दर्ज कराया था।
राहुल को दोषी ठहराने पर कानून मंत्री ने क्या कहा?
कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने राहुल गांधी को कथित मोदी सरनेम वाले मामले में दोषी ठहराए जाने पर कहा कि राहुल गांधी के ‘रवैये’ का ‘खामियाजा’ कांग्रेस भुगत रही है. ‘राहुल गांधी जो भी कहते हैं, उसका नकारात्मक असर कांग्रेस पार्टी और पूरे देश पर पड़ता है.’
लोकसभा से राहुल की सदस्यता छीनने का अभियान शुरू
सत्ताधारी बीजेपी ने राहुल के लंदन में दिए गए भाषणों को देशविरोधी करार देते हुए लोकसभा से उनकी सदस्यता छीन का अभियान शुरू कर दिया है. ये माना जा रहा है कि इसके लिए संविधान में जो भी व्यवस्थाएं हैं, उन्हें इस्तेमाल करते हुए सदस्यता छीनने की कार्रवाई की जा सकती है.
जब इंदिरा गांधी की सदस्यता छीन ली गई थी
अब तक लोकसभा में 05 मौकों में ऐसा हो चुका है. 1977 में जनता पार्टी सरकार तब पूरा देश हैरान रह गया था जब लोकसभा में एक प्रस्ताव पास करके पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सदस्यता छीन ली गई थी और उन्हें जेल की सजा सुनाई गई. उन्हें एक रात जेल में रखा गया था. इसके बाद इंदिरा गांधी के पक्ष देशभर में जो सहानुभूति लहर देखने को मिली, उससे जनता पार्टी सरकार घबरा गई. संसद में ये आवाज उठने लगी कि इंदिरा गांधी के साथ गलत किया गया है. लिहाजा एक ही महीने बाद लोकसभा में फिर एक प्रस्ताव लाया गया, जिसे पास करके उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई.
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