विश्नोई के घर में 4 किलो सोना और 20 कैरेट हीरा और 47 लाख रुपए कैश मिला : ईडी
कोयला और रेत का कारोबार करने वाले और अफसर ईडी में निशाने पर
रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार ईडी ने किसी आईएएस को छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया है। संकेत हैं कि कुछ और लोगों की भी गिरफ्तारी हो सकती है। ईडी ने चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया। जहां 8 दिन की रिमांड मंजूर हो गई है।हालांकि ईडी की टीम ने 14 दिन की रिमांड मांगी थी। बाकी दो कोयला कारोबारियों को अभी अदालत में पेश नहीं किया गया है। संकेत हैं कि रिमांड मिलने के बाद तीनों आरोपियों को दिल्ली ले जाया जा सकता है। कोयला व्यापारियों में सूर्यकांत तिवारी के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल शामिल हैं। वहीं सूर्यकांत तिवारी फरार बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इन तीनों पर कोयला कारोबारियों से अवैध लेनदेन और आय से अधिक संपत्ति जैसे आरोप हैं। कोरबा और रायगढ़ कलेक्टोरेट में भी ईडी की टीमों ने छापामार खनन से जुड़े दस्तावेजों की जांच चालू कर दी है।
कोर्ट ने अपने फैसले में यह कहा
कोर्ट ने अपने फैसले में सुनाया है कि, पूछताछ रायपुर में वकीलों की मौजूदगी में होगी। लेकिन संपर्क नहीं कर सकते। प्रत्येक दो दिनों में एक घंटे वकील से मुलाकात कराई जाएगी।
बचाव पक्ष ने यह तर्क दिया
इधर बचाव पक्ष की तरफ से नामी वकीलों ने कोर्ट में बहस करते हुए इस रिमांड का विरोध का विरोध किया और ईडी की कार्रवाई को गलत बताया है। गिरफ्तारी को भी अवैध बताया है। उनका कहना है कि आय से अधिक संपत्ति का मामला तो आईटी का है। इसमें ईडी का क्या काम?
समीर विश्नोई के निवास से ईडी ने यह जब्त किया
ईडी ने कोर्ट में बताया है कि, समीर विश्नोई के घर में 4 किलो सोना और 20 कैरेट हीरा मिला है। इसके साथ 47 लाख रुपए कैश मिला। ईडी के पास जब्त सोना की कीमत 2 करोड़ 20 लाख रुपए बताई जा रही है।
ये हैं ईडी के निशाने पर
पिछले तीन दिनों से चल रही ईडी की जांच के निशाने पर कोयला और रेत का कारोबार करने वाले और विभाग से जुड़े अफसर लोग ज्यादा हैं। गुरुवार दोपहर ईडी की टीम ने कोरबा और रायगढ़ कलेक्टर के दफ्तरों में भी छापे मारे। सीआरपीएफ के जवानों के साथ पहुंची ईडी की टीमों ने खनिज विभागों पर पूरा फोकस किया है। खनिज विभाग में खदानों से कोयला परिवहन करने की अनुमति से जुड़े दस्तावेज खंगाले जा रहे। डीएमएफ फंड से भी संबंधित फैसलों की जांच भी किए जाने की चर्चा है। देर शाम तक दस्तावेजों की जांच चलती रही, लेकिन क्या कुछ मिला इसकी जानकारी किसी को नहीं दी गई। चर्चा इस बात की भी है कि पूर्व कलेक्टर रानू साहू के कार्यकाल के फाइलों को खंगाला जा रहा है।
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