
रायपुर(खबरगली) देश में अब कुछ समय बाद मतदान का अगला चरण होने वाला है, इस चुनावी माहौल में नई सरकार बनने की अटकलें भी शुरू हो रही हैं .इन सब में सबसे जरूरी बात होती है मतदान करना अपने मत के अधिकार का प्रयोग करना .इस चुनाव में लाखों मतदाता ऐसे हैं जो पहली बार किसी चुनाव में अपने मतों का दान करेंगे और अपने पसंद के उम्मीदवार को जीते जीतने का मार्ग प्रशस्त करेंगे .इसलिए यह आवश्यक है कि हर मतदाता को सोच समझ कर अपने मत मत देने के अधिकार का प्रयोग करना चाहिए ताकि नई सरकार बनने में उनका भी योगदान रहे पिछले कई चुनावों में यह देखा गया है अनेक क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत आधे से भी कम रहा है जबकि इस दिन शासकीय तौर पर छुट्टी भी होती है तथा बूथों की संख्या बढ़ने से अब इतनी लंबी लाइन भी नहीं होती कि किसी व्यक्ति को घंटों खड़े होकर लंबा इंतजार करना पढ़े इसलिए मताधिकार का उपयोग जरूर करना चाहिए. कई बार यह भी देखने में आया है कि छुट्टी घोषित होने पर अनेक व्यक्ति सैर सपाटा और पिकनिक चले जाते हैं तो कुछ लोग मतदान करने की बजाय दूसरे काम को आवश्यक मानकर उसे पूरा करने लग जाते हैं , जिसके फलस्वरूप मतदान का प्रतिशत गिर जाता है ,जबकि एक मतदाता को मतदान करने की सुविधा प्रदान करने के लिए शासकीय कर्मचारियों की पार्टी कड़ी मेहनत करती हैं.अलग-अलग स्थानों से कर्मचारी पुलिस अधिकारी मतदान के सुचारू रूप से संचालन के लिए आते हैं . कई स्थानों पर तो उन्हें जान का खतरा भी होता है और कई बूथों तक पहुंचने के लिए तो उन्हें मीलों पैदल भी चलना पड़ता है. एक वोटर का तो अपना वोट देने के लिए सिर्फ उसी दिन कुछ समय जा रहा होता है. पर इस पूरी प्रक्रिया के लिए बहुत सारे कर्मचारी 3 -4 दिनों की ड्यूटी निभाते हैं. मतदान का सामान लेकर जाना पोलिंग करवाना और उसके बाद सारा सामान सुरक्षित जमा करना बहुत जिम्मेदारी का काम होता है. इसलिए हर वोटर को अपनी जिम्मेदारी निभाना चाहिए और वोट देने जाना चाहिए.
विदेश में कई देशों में तो मतदान को अनिवार्य घोषित कर दिया गया तथा यदि कोई व्यक्ति मत नहीं दे पाता है जो उसे बाकायदा फार्म भरकर के करण बताना पड़ता है तब उसके लिए अलग से पोलिंग की व्यवस्था की जाती है और यदि मतदान नहीं देने का कारण संतोष प्रद नहीं पाया जाता तो उस व्यक्ति पर कार्यवाही हो जाती है. कुछ स्थानों पर तो ऑनलाइन वोटिंग शुरू हो गई है वोटिंग का रेट बढ़ाने के लिए यह भी एक अच्छा विकल्प है क्योंकि अब हमारे देश में भी बहुत सारे युवा नेट का तथा ऑनलाइन सुविधाओं का उपयोग करते हैं. बैंकिंग हो किसी प्रतियोगिता का फॉर्म भरना है ऐसी बहुत सारी स्थानों पर ऑनलाइन सुविधाएं उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं उसी प्रकार यदि वोटिंग ऑनलाइन होने लगे तो भी मतदान के प्रतिशत बढ़ जाएगा. जो लोग वोटिंग के दिन से अपने शहर से किसी कारण से बाहर हैं तो भी इस विकल्प का उपयोग करके अपने पसंद के प्रत्याशी को वोट दे सकते हैं. सरकार एवं चुनाव आयोग को इस विकल्प पर भी विचार करना चाहिए क्योंकि किसी स्थान पर 25 से 30 परसेंट तक ही वोटिंग होती है और कहीं कहीं 50% ही पोलिंग होती है और इसमें से जो प्रत्याशी 25 30 परसेंट वोट पाता है और विजयी हो जाते हैं जो कि सही नहीं कहा जा सकता. उसी प्रकार मतदान का प्रतिशत कम ज्यादा होने से किसी किसी स्थान पर 20 से 25000 वोट पाने वाला व्यक्ति जीत जाता है तो कहीं दूसरी तरफ वोटिंग में फर्क होने से 45 -50 हजार वोट पाने वाले व्यक्ति हार जाता है. इसलिए चुनाव आयोग को यह स्पष्ट निर्देश जारी करना चाहिए कि कोई प्रत्याशी को चुनाव जीतने के लिए कम से कम निश्चित मत आवश्यक है, नहीं तो उस जगह का चुनाव रद्द कर दिया जाएगा. इससे भी प्रत्याशी अपने- अपने क्षेत्रों में वोटिंग का प्रतिशत बढ़ाने के लिए गंभीरता से कार्य करेंगे.
डॉ. दिनेश मिश्र वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ एवं अध्यक्ष अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति
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