
कवर्धा (khabargali) हंसते चेहरे मायूस हो गए, कुछ देर पहले जिन आंखों में चमक थी, वे आंसुओं से भर गई। जी हां एक किसान जो सालभर कड़ी मेहनत कर जीविकोपार्जन के लिए फसल उगाता है। जैसे जैसे फसल काटने का समय नजदीक आता है। वैसे ही किसानों के आंखों में चमक बढ़ती जाती है, लेकिन एक ही पल में सारी सपने चूर चूर हो गए।
पांडातराई थाना अन्तर्गत ग्राम मोहगांव खार में गन्ने के खेत में आग लगने से 40 एकड़ से अधिक का गन्ना जलकर खाक हो गया। फिरहाल पीड़ित किसानों ने आगजनी की एफआरआई दर्ज नहीं कराया है। जब किसान की सूचना देंगे, तो गन्ना की रकबा कम-ज्यादा हो सकता है। बिजली खंभे में शार्ट सर्किट ही आगजनी का मुय कारण बताया जा रहा है। छोटी सी चिंगारी धीरे धीरे भीषण रूप धारण कर आसपास के पूरा क्षेत्र में लगे गन्ना को अपने आगोश में ले लिया, जिसे काबू करना शायद किसी के बस में नहीं था। आगजनी की घटना में लगभग 40 से अधिक एकड़ में लगे गन्ना खेत पूरी तरह जलकर राख हो गया।
साल भर की मेहनत से उगाई फसल धुं धुं कर जलते रहे और किसान बेबस खड़े होकर देखते रहे। वह चाह कर भी अपनी बर्बादी न रोक पाए। उस वक्त किसानों की आत्मा से क्या आवाज आ रही होगी। भीषण आग के चपेट जिन किसानों के गन्ने की फसल जल रहा था, उस वक्त उनकी क्या हालत होगी। वह भगवन से प्रार्थना करेगा या उसे कोसेगा। आखिर इस बर्बादी का जवाबदार किसको ठहरायेगा। ऐसे सैकड़ों सवाल जिनका कोई जवाब नहीं है। देखा जाये तो जो जल रहा था वो आग नहीं वो सिर्फ और सिर्फ किसानों के सपने थे उनके अरमान थे जो उनके ही आंखों के सामने राख में तब्दील होते जा रहे थे।
आगजनी की सूचना मिलते ही एक नहीं, तीन फायर बिग्रेड घटना स्थल तो पहुंचे, लेकिन खेतों तक पहुंचने के लिए कोई रास्ता नहीं था। वहीं दूसरी ओर आग की लपटे इतनी विकराल थी, जिसे बूझा पाना मुश्किल था। इसके चलते फायर बिग्रेड पहुंचकर भी आग बूझाने में नाकाम रहे। ऐसे में आग की लपटे एक के बाद दूसरे और तीसरे खेत को अपने चपेट में लेते चले गए और देखते ही देखते 40 एकड़ में लगे गन्ना की फसल जलकर खाक में तब्दील हो गया। किसानों को लाखों रुपए के नुकसान का अनुमान है।
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