
दुर्ग (khabargali) केलाबाड़ी, दुर्ग निवासी 33 वर्षीय विवेक देशमुख जयपुर राजस्थान में बतौर सहायक प्रोफेसर के तौर पर काम कर रहे थे। वहां उनकी तबीयत बिगड़ी तब 14 सितंबर को उन्हें अस्पताल में दाखिल किया गया। वहां डेंगू जांच रिपोर्ट में पॉजिटिव रही। वहीं एलाइजा रिपोर्ट निगेटिव रही।
मरीज को वहां आईसीयू में दाखिल किया गया। तबीयत सुधरती देख परिवार के सदस्यों ने जयपुर जाकर, रविवार को वापस घर दुर्ग लेकर आए। यहां अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और तब सेक्टर-9 में लेकर गए। वहां चिकित्सकों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया।
डेंगू ने जिले में दस्तक दे दी है। अब तक जिले में डेंगू के 130 केस मिले हैं। इसमें 14 मरीज विभिन्न अस्पतालों में दाखिल हैं। शहर में शाम होते ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। इस वजह से आने वाले वक्त में डेंगू के और अधिक केस मिलने की आशंका है। स्वास्थ्य विभाग के सामने डेंगू फिर एक बड़ी चुनौती के तौर पर सामने आ रहा है। नए केस में 85 दूसरे जिले के और 41 दुर्ग जिले के बताए जा रहे हैं।
हर किसी को याद है 2018 का डेंगू
स्वास्थ्य विभाग और बीएसपी प्रबंधन 2018 को भूल नहीं सकता। तब डेंगू के 1900 से अधिक केस मिले थे। इसमें से 52 से अधिक की मौत हो गई थी। इसमें से 36 को स्वास्थ्य विभाग डेंगू से और शेष को अन्य कारणों से मौत होना बताता है। लगातार नए केस मिल रहे हैं। बावजूद प्रबंधन पुराने ढर्रे पर काम कर रहा है।
स्रोत तक नहीं पहुंचने से बढ़ेगा डेंगू का केस
डेंगू का लार्वा कहां पनप रहा है, वहां तक अगर स्वास्थ्य विभाग नहीं पहुंच पाता है तो डेंगू के मामले टाउनशिप व पटरीपार में भी और बढ़ सकते हैं। अब तक मिले डेंगू के मरीजों में ज्यादातर की ट्रेवल हिस्ट्री है। हालांकि जिले में लार्वा नष्ट की करने की प्रक्रिया धीमी है।
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