बूढ़ापारा धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज
रायपुर (khabargali)राजधानी में कोरोना को लेकर अजीबोगरीब प्रदर्शन का मामला आया है। कोरोना को मीडिया की देन बताने वाले मुट्ठी भर लोगों का तमाशा हैरान करने वाला है। अजीबोगरीब है। कुछ लोगों ने नो मास्क,नो वैक्सीन जैसे स्लोगन लिखकर बुढ़ा पारा स्टेडियम के सामने प्रदर्शन किया है। प्रदर्शन करने वाले किसी संगठन के नहीं थे, वे सोशल मीडिया के जरिए एकत्र हुए थे। जिस कोरोना की वजह से छत्तीसगढ़ में 13 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई उसे सिर्फ मीडिया का फैलाया भ्रम बता रहे इन पर पुलिस ने कुछ धारा लगाकर पांच लोगों को नामजद किया गया है।
इन तमाशाबीन लोगों से पूछना चाहिए केवल छत्तीसगढ में ही 13 हजार लोगों की जान जा चुकी है फिर भी वे क्या कोरोना को नहीं मानते? इन लोगों का अपराध अक्षम्य हैं,तब जब तीसरी लहर से लोग जूझ रहे हैं और ऐसे ही गलत लोग कोरोना को लेकर भ्रामक प्रचार करते हैं। महामारी नियमों का उल्लंघन और जानबूझकर बीमारी फैलाना,लोगों को उकसाने जैसे इस कृत्य की सजा इन्हे मिलनी चाहिए। इन्होने प्रतिबंधित जगह पर भीड़ भी जुटा ली,मास्क भी नहीं पहना और मीडिया पर तोहमत लगाकर चले भी गए।
पहली बार इस प्रकार का प्रदर्शन देखने को मिला है, रायपुर के धरना स्थल पर जमा कुछ लोगों के हाथों में तख्तियां थीं, इनमें लिखा था मास्क स्वैच्छिक है, नो मास्क, नो वैक्सीन, टीका नहीं लगवाएंगे, हमारा शरीर हमारा है सरकार का नहीं, टीवी मीडिया ही कोरोना है, कोरोना सिर्फ सामान्य सर्दी खांसी है.ये लोग नारेबाजी करते रहे कि न मास्क पहनेंगे न टीका लगवाएंगे। जबकि दुनिया भर के चिकित्सा एक्सपर्ट का कहना है कि मास्क न केवल दूसरों के द्वारा फैलने वाले संक्रमण को रोकता है बल्कि हर प्रकार के वायु प्रदूषण से भी बचाता है।
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