पहलवानों के पक्ष में आई फोगाट खाप पंचायत, कहा- साक्षी मलिक ने खून के आंसू रोये, ज्यादती के खिलाफ हम मैदान में उतरेंगे
नई दिल्ली (khabargali) खेल मंत्रालय ने रविवार को बड़ा फैसला लेते हुए भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के नव निर्वाचित कुश्ती संघ को भंग कर दिया. इसका मतलब है कि हाल ही में चुनाव जीतकर अध्यक्ष बनने वाले संजय सिंह निलंबित हो गए. इसी बीच इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) ने भी एक बड़ा फैसला करते हुए इस पूरे मामले में नया मोड़ ला दिया है. IOA ने भारतीय कुश्ती संघ को लेकर एक नई एड हॉक कमेटी बनाने का ऐलान किया है. यह कमेटी 48 घंटे में बन जाएगी. इस कमेटी का काम WFI की हर दिन की गतिविधियों पर ध्यान रखना रहेगा. इसके बाद वो अपनी रिपोर्ट तैयार कर IOA को सौंपेगी. खेल में पारदर्शिता लाने के लिए इस कमेटी का गठन होगा. इसके लिए खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने खुल पत्र लिखा है.
यह कारण बताया गया
कारण बताया गया कि नवनिर्वाचित संस्था ने उचित प्रकिया का पालन नहीं किया और पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिए बिना अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन की ‘जल्दबाजी में घोषणा’ की थी. मंत्रालय ने साथ ही कहा कि नई संस्था पूरी तरह से पूर्व पदाधिकारियों के नियंत्रण में काम कर रही थी जो राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुरूप नहीं है. बताते चलें कि डब्ल्यूएफआई के चुनाव 21 दिसंबर को हुए थे जिसमें बृजभूषण के विश्वासपात्र संजय सिंह और उनके पैनल ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी.
बृजभूषण शरण सिंह ने चुप्पी तोड़ी
खेल मंत्रालय द्वारा भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित किए जाने के बाद बृजभूषण शरण सिंह ने चुप्पी तोड़ी है. यौन प्रताड़ना के आरोप झेल रहे कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण ने कहा है कि अब वो इस खेल की राजनीति से दूर रहेंगे. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा संग बैठक के बाद बृजभूषण ने कहा कि कुश्ती संघ का चुनाव लोकतांत्रितक तरीके से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कराया गया था. उन्होंने कहा कि सभी मेंबर चुने जा चुके हैं. अब उन्हें सरकार से बात करनी है या कानूनी सलाह लेनी है. अब इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है. बृजभूषण शरण सिंह उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से बीजेपी के मौजूदा सांसद हैं.
साक्षी मलिक की पहली प्रतिक्रिया सामने आई
इसके बाद रविवार को जब मंत्रालय ने नव निर्वाचित संघ को भंग किया तो पूर्व पहलवान साक्षी मलिक की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि सरकार से कोई लड़ाई नहीं है. लड़ाई केवल एथलीट्स के लिए थी. मुझे बच्चों की चिंता है.
क्यों बना है बृजभूषण पर दबाव
बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक सहित देश के चोटी के पहलवानों ने बृजभूषण पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाकर विरोध प्रदर्शन किया था. बृजभूषण के करीबी संजय सिंह के WFI के चुनाव में अध्यक्ष पद पर चुने जाने के बाद बजरंग ने शुक्रवार को अपना पद्मश्री पुरस्कार सरकार को वापस लौटा दिया था. इससे पहले गुरुवार को साक्षी मलिक ने इसी कारण से कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की थी.
इससे पहले संजय सिंह ने ये कहा था
इसको लेकर संजय सिंह ने कहा कि अब नया महासंघ बना था तो उन्हें (बृजभूषण सिंह को) विदा कर दिया गया था और साक्षी मलिक ने भी सन्यास की घोषणा कर दी. ऐसे में दोनों लोग शांति से संघ को चलने दें. संजय सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे दोनों रिटायर हो चुके हैं, इसलिए अब दोनों को महासंघ को शांति से चलने देना चाहिए. उन्होंने कहा, "वह (बृजभूषण सिंह) और मैं अलग-अलग समुदाय से हैं तो हम रिश्तेदार कैसे हो सकते हैं? जब वह महासंघ के अध्यक्ष थे तो मैं संयुक्त सचिव था. ऐसे में उस समय हमारे बीच एक रिश्ता और दोस्ती थी."
पहलवानों के पक्ष में आई फोगाट खाप पंचायत
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की नवनिर्वाचित संस्था को खेल मंत्रालय द्वारा निलंबित किये जाने के बाद फोगाट खाप पंचायत ने पहलवानों के पक्ष में उतर आई है. एक बैठक में खाप पंचायत ने कहा कि अगर खिलाड़ियों के साथ ज्यादती हुई तो खाप उनके पक्ष में अग्रणी भूमिका निभायेगी. कुश्ती को लेकर मचे घमासान के बीच फोगाट खाप भी मैदान में उतरने को तैयार है. साथ ही फोगाट खाप ने सरकार से खेल महासंघ के अध्यक्ष पद पर न सिर्फ खिलाड़ी की नियुक्ति करने बल्कि महिला खिलाड़ियों की कोच महिला ही नियुक्त करने की मांग की. खाप पंचायत ने कहा कि साक्षी मलिक को खूब के आंसू रोना पड़ा. हम ये बर्दाश्त नहीं करेंगे.
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