खाद की कालाबाजारी और अनुपलब्धता का दंश भी अब किसान ही झेलेगा क्या ? : कोमल हुपेंडी

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भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर खाद आपूर्ति को लेकर आरोप लगा रहे सवाल है किसान की समस्या कौन सुलझाएगा - वदूद आलम , प्रदेश उपाध्यक्ष,आप

रायपुर (khabargali) आम आदमी पार्टी ने किसानों की आवाज बुलंद कर प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा कि एक तरफ मोदी सरकार राज्य में उर्वरकों की सप्लाई बाधित कर कर रही है और भाजपाई मोदी सरकार के छत्तीसगढ़ ‌विरोधी कारनामे पर पर्दा डालने खाद को लेकर गलत बयानी कर रहे है। भाजपा की मोदी सरकार राज्य के किसानों की आवश्यकता के अनुरूप खाद की आपूर्ति नही कर रही है। भाजपाई मोदी सरकार ने राज्य में खाद की आपूर्ति करने की मांग करने के बजाय केंद्र की चाटुकारिता कर रहे है। भाजपाई राज्य के किसानों के हितों से छोड़कर अपना खुद का हित देख रहे है, खुद का कद मोदी के दरबार मे कम न होने पाए इसलिए ये मोदी सरकार के द्वारा राज्य में पर्याप्त रसायनिक खाद की आपूर्ति नही करने का भी बचाव कर रहे हैं।

आम आदमी पार्टी के उपाध्यक्ष वदूद आलम ने बताया कि रासायनिक उर्वरकों का आबंटन केंद्रीय उर्वरक मंत्रालय द्वारा कराया जाता है। दुर्भाग्यजनक है देश में मोदी सरकार बनने के बाद राज्यों को उर्वरक सप्लाई करने में लगातार कोताही बरती जा रही है, यह स्थिति छत्तीसगढ ही नहीं पूरे देश में है। देश के किसी भी राज्य में मोदी सरकार उर्वरकों की आपूर्ति नहीं कर पा रही है। अप्रैल , मई और जून 2022 में राज्य को यूरिया की कुल आपूर्ति 3.29 लाख टन होनी थी, लेकिन केवल 2.20 लाख टन यूरिया ही प्राप्त हुआ है। डीएपी मिलना था 1.80 लाख टन मिला केवल 73.22 हजार टन राज्य सरकार ने केंद्र से खरीफ के लिए लगभग 13.70 लाख मीट्रिक टन विभिन्न रासायनिक खादों को राज्य को आपूर्ति करने की मांग की थी. यूरिया 6.50 लाख टन डीएपी 3 लाख टन, पोटाश 80 हजार टन एनपीके 1.10 लाख टन एवं सुपर फास्फेट 2.30 लाख टन शामिल है। जिसकी केंद्र सरकार ने स्वीकृति भी दी थी लेकिन केंद्र ने राज्य को खाद देने का जो पैमाना निर्धारित किया उसका पालन नहीं कर रही है। उर्वरक के वितरण का संपूर्ण नियंत्रण भारत सरकार के उर्वरक मंत्रालय द्वारा किया जाता है। यूरिया की उपलब्धता खरीफ के लक्ष्य के विरूद्ध 62 प्रतिशत है।इसी प्रकार राज्य में एनपीके की उपलब्धता खरीफ के लक्ष्य के विरूद्ध 30 प्रतिशत, डीएपी की उपलब्धता 39 प्रतिशत, पोटाश की उपलब्धता 35 प्रतिशत है। छत्तीसगढ़ में धान एवं अन्य खरीफ फसलों की बोवाई का काम जून में शुरू हो जाता है। जून में राज्य में रासायनिक खादों की मांग अधिक रहती है। आगामी दिनों में समय पर उर्वरक न मिलने से इनकी कमी हो सकती है। इस संकट के लिए मोदी सरकार का छत्तीसगढ़ विरोधी रवैय्या समझ से परे है।

कोमल हुपेंडी ने कहा कि इसके अलावा भाजपा सिर्फ आरोप लगा रही है कि खाद की पर्याप्त व्यवस्था का कृषि मंत्री का दावा झूठा है खाद उपलब्ध है लेकिन राज्य सरकार किसानों तक खाद नहीं पहुंचा पा रही है, इसलिए लगातार छत्तीसगढ़ में खाद संकट बना हुए है और बाजार में खुलेआम खाद की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी हो रही है. वहीं राज्य में खाद की पर्याप्त व्यवस्था के दावे कर कृषि मंत्री झूठ बोल रहे हैं. सरकार की नीयत पर भी सवालिया निशान है? राज्य में अब तक जितना खाद वितरित हुआ, उतना ही स्टॉक में रखा हुआ है. राज्य सरकार किसानों तक खाद नहीं पहुंचा पा रही है. किसान बंशीलाल की मौत के लिए भी सरकार की अव्यवस्था ही जिम्मेदार है. किसान पांच घंटे लगातार खाद के लिए लाइन में खड़ा रहा फिर चक्कर खाकर गिर गया. वहीं उसकी मौत हो गई. कृषि मंत्री आपूर्ति कम होने की बात कर झूठ बोल रहे हैं.

आम आदमी पार्टी किसानों की आवाज बनकर आक्रोशित हो यह कहना चाहती है खाद की आपूर्ति समय पर हो और भाजपा और कांग्रेस नूरा कुश्ती करना बंद कर किसानों के लिए कार्य करे क्योंकि आप की बयान बाजी से कुछ होना नही है और किसान सिर्फ हैरान और परेशान हो रहा है। भाजपा और कांग्रेस कितना परेशान करेंगी किसानों को अब तो हद ही हो गई है। हमारा किसान क्या अब खाद कालाबाजारी और उपलब्धता का भी दंश झेलेगा बड़ी शर्मनाक स्थिति है।

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