मधुमेह एक रोग नहीं सिर्फ अनियमित दिनचर्या का परिणाम है: डॉ अजय तिवारी, नेचरोहोम्यो विशेषज्ञ

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ख़बरगली @ हेल्थ डेस्क

आजकल के इस भागदौड़ भरे जीवन में अनियमित जीवनशैली के कारण जो बीमारी सर्वाधिक लोगों को ग्रसित कर रही है वह है मधुमेह। मधुमेह को धीमी जहर भी कहा जाता है, यह ऐसी बीमारी है जो एक बार किसी के शरीर को में प्रवेश कर ले तो उसे फिर जीवन भर छोड़ती नहीं। इस बीमारी का जो सबसे बुरा पक्ष है वह यह है कि यह शरीर में अन्य कई बीमारियों को भी निमंत्रण देती है। मधुमेह रोगियों को आंखों में दिक्कत, किडनी और लीवर की बीमारी और पैरों में दिक्कत होना आम है। पहले यह बीमारी चालीस की उम्र के बाद ही होती थी लेकिन आजकल बच्चों में भी इसका मिलना चिंता का एक बड़ा कारण हो गया है।

जब हमारे शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जोकि पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है। इसका कार्य शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है। यही वह हार्मोन होता है जो हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है। मधुमेह हो जाने पर शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। इस स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है।

यह रोग महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक होता है। मधुमेह ज्यादातर वंशानुगत और जीवनशैली बिगड़ी होने के कारण होता है। इसमें वंशानुगत को टाइप-1 और अनियमित जीवनशैली की वजह से होने वाले मधुमेह को टाइप-2 श्रेणी में रखा जाता है। पहली श्रेणी के अंतर्गत वह लोग आते हैं जिनके परिवार में माता-पिता, दादा-दादी में से किसी को मधुमेह हो तो परिवार के सदस्यों को यह बीमारी होने की संभावना अधिक रहती है। इसके अलावा यदि आप शारीरिक श्रम कम करते हैं, नींद पूरी नहीं लेते, अनियमित खानपान है और ज्यादातर फास्ट फूड और मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं तो मधुमेह होने की संभावना बढ़ जाती है।

बड़ा खतरा डायबिटीज के मरीजों में सबसे ज्यादा मौत हार्ट अटैक या स्ट्रोक से होती है। जो व्यक्ति डायबिटीज से ग्रस्त होते हैं उनमें हार्ट अटैक का खतरा आम व्यक्ति से पचास गुना ज्यादा बढ़ जाता है। शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने से हार्मोनल बदलाव होता है और कोशिशएं क्षतिग्रस्त होती हैं जिससे खून की नलिकाएं और नसें दोनों प्रभावित होती हैं। इससे धमनी में रुकावट आ सकती है या हार्ट अटैक हो सकता है। स्ट्रोक का खतरा भी मधुमेह रोगी को बढ़ जाता है।

डायबिटीज का लंबे समय तक इलाज न करने पर यह आंखों की रेटिना को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे व्यक्ति हमेशा के लिए अंधा भी हो सकता है।

मधुमेह के लक्षण

ज्यादा प्यास लगना 

बार-बार पेशाब का आना 

आँखों की रौशनी कम होना 

कोई भी चोट या जख्म देरी से भरना 

हाथों, पैरों और गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्म

बार-बा फोड़े-फुंसियां निकलना

चक्कर आना

चिड़चिड़ापन

मधुमेह का इलाज

 मधुमेह बिगड़ी जीवनशैली व खराब मेटाबोलिज्म का परिणाम है । ::इस बीमारी का कारण ही इसका इलाज है बिगड़ी जीवनशैली को सुधार ले ये बीमारी आपके शरीर मे रह नही सकती । सबसे जरूरी बात ये है कि हमारे शरीर को कितनी ऊर्जा व कौन सी ऊर्जा की आवश्यकता है हम जरूरत से ज्यादा ऊर्जा मतलब आहार व रेशाहीन आहार का सेवन सिर्फ छुधा लोप के लिए करते हैं न कि शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए जबकि आहार सिर्फ एक माध्यम है शरीर को ऊर्जा पहुचाने के लिए । हमे ऐसा आहार करना चाहिए जो रेशे विटामिन मिनरल से परिपूर्ण हो सुपाच्य हो जिससे हमारे शरीर की ऊर्जा उस आहार को पचाने में व्यर्थ ऊर्जा खर्च न करे ।

-डॉ अजय तिवारी,नेचरोहोम्यो विशेषज्ञ,

संपर्क:   9826183159