पक्षी मानव के रूप में विख्यात पद्यविभूषण डॉ सालिम अली के जन्मदिन पर मनाते हैं राष्ट्रीय पक्षी दिवस
रायपुर (khabrgali) अपनी अमुल्य वन संपदा और हरियाली के लिए देशभर में प्रसिद्ध हमारा छत्तीसगढ़ पक्षियों की विविधता के लिए भी प्रसिद्ध है. फिर चाहे वह हमारे देश के पक्षियों की बात हो या सर्दी या गर्मी के दिनों में आने वाले प्रवासी पक्षियों की. यहां के अनुकूल माहौल के चलते हर साल कई जगहों पर देशी विदेशी पक्षियों की विविधता देखने को मिलती है. छत्तीसगढ़ के नम भूमि क्षेत्र में ये प्रवासी पक्षी हिमालयन, चीन, रूस, मध्य ऐशिया, इराक, अफगानिस्तान से पाकिस्तान होकर आते हैं. हिमालय में जब बर्फ जम जाती है तब यहां ये पक्षी घोंसला बनाने के लिए आते हैं. यहां जैसे ही गर्मी पड़ने लगती है पुन: लौट जाते हैं. उनका मुख्य आहार छोटी मछलियां व घोंघे होते हैं. जिसकी वजह से नदी व तालाब के किनारे उथले स्थान पर रहते हैं, जहां उन्हें आसानी से भोजन मिल सके. सर्दियों की आहट शुरू होते ही राज्य में विंटर माइग्रेटरी बर्डस का आना शुरू हो चुका है इस बार, राज्य के कई इलाकों में कई नई बर्डस की प्रजातियां भी देखने को मिल रही हैं. जिन्हें छत्तीसगढ़ के कई बर्डस फोटोग्राफर्स ने अपने कैमरे में कैद किया है. कुछ ऐेसे जुनूनी फोटोग्राफर का हम आपसे परिचय करा रहे हैं जिन्होंने इन प्रवासी पक्षियों की एक अच्छी तस्वीर क्लिक करने के लिए खूब जतन किए हैं. उल्लेखनीय है कि आज 12 नवंबर को प्रख्यात पक्षी विज्ञानी डॉ सालिम अली का जन्मदिन राष्ट्रीय पक्षी दिवस के रूप में मनाया जाता है.
पेशे से बाडी बिल्डर पर बर्ड वाचिंग के शौक ने बनाया फोटोग्राफर भी- हैप्पी सिंह
बर्ड फोटोग्राफर हैप्पी सिंह ने ऐसी कई प्रजातियों के पक्षियों को कैमरे में कैद किया, हैप्पी पिछले कई सालों से इस क्षेत्र में सक्रिय हैं. उनका कहना है कि वैसे वे बाडी बिल्डिंग के क्षेत्र में सक्रिय हैं लेकिन पक्षियों के प्रति प्रेम ने उन्हें फोटोग्राफी के क्षेत्र में आने पर विवश कर दिया. हैप्पी बताते हैं कि रायपुर व आसपास के क्षेत्रों में हर साल पक्षी प्रवास पर आते हैं इस बार मौसम में कई उतारचढाव के चलते इनका आना थोड़ लेट हुआ है लेकिन फिर भी कई यूनीक स्पीशीच की बर्डस यहां देखने को मिली हैं जिनमें मुख्य रूप से रूडी टर्न स्टोन प्रमुख है इसके अलावा व्हिम्बे्रल, कॉमन कैस्ट्रेल, यूरेशियन रायनेक येलो वैगटेल आदि भी नया रायपुर में देखने को मिले हैं.
पक्षियों के प्रति दीवानगी खींच लाई फोटोग्राफी में- यश
ऐसे ही एक अन्य युवा बर्ड फोटो ग्राफर यश शुक्ला जो वैसे तो एक्वेरियरम शॉप संचालक हैं लेकिन पक्षियों के प्रति दीवानगी ने उन्हें एक प्रोफेेशनल बर्ड फोटोग्राफर बना दिया. यश छत्तीसगढ़ के पक्षियों के बारे में खासी जानकारी रखते हैं.
जर्नलिज्म कोर्स करते बने बर्ड फोटाग्राफर- अभिनंदन
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के स्टूडेंट अभिनंदन तिवारी भी खुद को एक पेशेवर सिनेमैटोग्राफर के रूप में स्थापित कर चुके हैं लेकिन पक्षियों में उनकी दिलचस्पी उन्हें कभी भी कैमरा उठाकर जंगलों और पार्को की ओर ले जाती है अभिनंदन ने भी अपने कैमरे के माध्यम से कई देशी- विदेशी पक्षियों की खूबसूरत तस्वीरें क्लिक की हैं.
मुख्यमंत्री भूपेश के गाँव बेलौदी से गुजरते हैं दुलर्भ प्रवासी पक्षी
दुलर्भ प्रजाति के प्रवासी पक्षी ग्रे हैडिड लेप्विंग सेंट्रल एशियन फ्लाईवे में हर साल इसी मार्ग से गुजर कर जाती है दक्षिण भारत. इस बार वह कुछ दिन गुजारने रूकी भी. जिसे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दुर्ग जिले के गाँव बेलौदी में देखा जा सकता है. लंबे सफर में विश्राम करने और पोषण करने माइग्रेट पैसेज के रूप में कुछ दिन बीच में रूकती है, फिर स्थायी रूप से सर्दी गुजारती हैं किसी एक जगह पर. गौरतलब बेलौदी में एक सरकारी बांध है जहाँ प्रवासी पक्षियों की कभी-कभी आमद होती है. ग्रे हेडेड लैप्विंग की प्रजाति चीन और जापान में पाई जाती है. फिलहाल ग्रे हेडेड लैप्विंग बेलौदी के बांधा में कीड़े खाने में मगन है. जल्द ही अपनी लंबी यात्र का ईधन जब वो इन कीड़ों से जुटा लेगी तो फिर से निकल पड़ेगी एक लंबी यात्रा पर. बेलौदी के इसी बांध में बीते दिनों पैसिफिक गोल्डन प्लोवर के साथ-साथ यूरेशियन कुर्लु, विम्ब्रेल, ग्रीन सेंड पाइपर, मार्स सेंड पाइपर प्रजाति की चिडिय़ा भी नजर आई.
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