
रायपुर (khabargali) शहर के प्राचीनत्तम शिव मंदिर बूढ़ेश्वर मंदिर में बूढ़ेश्वर बाबा का श्रृंगार इस बार रौद्र रूप में होगा। पिछले चार सोमवार को अलग-अलग स्वरूपों में उनका श्रृंगार दर्शन भक्तों को हुआ। जिस प्रकार उज्जैन महाकाल में 12 वर्षो में एक बार रौद्र रूप में महाकाल का श्रृंगार होता है उसी स्वरूप में यहां भी होगा। दुर्लभ संयोग वाली कल की तिथि है जो सालों बाद आती है इसलिए इस दिन विशेष का महत्व भी अधिक है।
मंदिर ट्रस्ट कमेटी की ओर से जानकारी देते हुए श्री चंद्रप्रकाश व्यास ने बताया कि जैसे कि पुराणों व शास्त्रों में मान्यता है भगवान शिव स्वंय अलग-अलग रूपों में दिखते हैं कहीं सौम्य तो कहीं रूद्र। रू का अर्थ होता है चिंता और द्र का अर्थ होता है दूर करना। जो आपकी सारी समस्याओं और चिंताओं का नाश कर दे उस प्रभु का दिव्य दर्शन रौद्र रूप में देखने को मिलता है। कल आखिरी सावन सोमवार है और अद्भूत श्रृंगार के साथ बूढ़ेश्वर बाबा के आसपास की सजावट देखने योग्य रहेगी। काली मिट्टी से भगवान का यह गुस्सैल स्वरूप श्रृंगारित किया जायेगा। शाम चार बजे के बाद ही भक्तजन भगवान के इस श्रृंगार का दर्शन कर सकेंगे।
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