शराब घोटाले में जुड़ गया एक और नाम, ईडी ने पूर्व आईएएस विवेक ढांड को बताया पुरे मामले का सरगना

शराब घोटाले में जुड़ गया एक और नाम, ईडी ने पूर्व आईएएस  विवेक ढांड को बताया पुरे मामले का सरगना खबरगली One more name added in the liquor scam, ED said former IAS Vivek Dhand is the mastermind of the whole case  cg news cg big news cg hindi news cg latest news cg hindi news khabargali

रायपुर (khabargali) प्रदेश में हुए 2161 करोड़ के शराब घोटाले में पूर्व आईएएस अधिकारी विवेक ढांड का नाम भी जुड़ गया है। गिरफ्तारी के बाद पूर्व आबकारी मंत्री एवं विधायक कवासी लखमा के खिलाफ कोर्ट में पेश किए गए आवेदन में विवेक ढांड को पूरे घोटाले का सरगना बताया है, जिसके निर्देशन में घोटाले के अहम किरदार अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अरुण पति त्रिपाठी काम कर रहे थे। यही नहीं विवेक ढांड को इस घोटाले ने हिस्सेदारी भी मिलना बताया गया है। साथ ही इस खेल में शामिल लोग शराब कंपनियों से शराब का अवैध उत्पादन करवाकर उसकी सप्लाई का सिंडिकेट चलाते थे। इसके एवज में कंपनियों से इन्हें कमीशन मिलता था। 

इस पूरे घोटाले का तानाबाना बुनने से लेकर अंजाम देने तक पूरा ब्योरा एफआईआर में दिया गया है। ईडी के मुताबिक 2019 से 2022 तक लाइसेंसी शराब दुकानों पर डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बड़ी मात्रा में अवैध शराब बेची जाती थी। इसके चलते छत्तीसगढ़ के राजस्व विभाग को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था। उस दौरान शराब को स्कैनिंग से बचाने के लिए नकली होलोग्राम भी लगाया जाता था। इस होलोग्राम बनाने के लिए नोएडा में प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को टेंडर दिया गया था। जबकि वह कंपनी होलोग्राम बनाने की पात्र नहीं थी। इसके बाद भी नियमों में संशोधन करके यह टेंडर उसी कंपनी को दिया गया था।

कवासी से देररात तक पूछताछ

ईडी ने रिमांड पर लिए गए पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा से बुधवार को देररात तक पूछताछ की। उन्होंने तलाशी के दौरान बरामद डिजिटल एविडेंस और आय के स्रोत की जानकारी ली। साथ ही अरविंद सिंह और ए.पी. त्रिपाठी द्वारा प्रतिमाह दिए जाने वाले 1.50 करोड़ का हिसाब भी मांगा। इस दौरान मिली जानकारी के आधार पर कवासी से सीए, राजू जगन्नाथ साहू, सुशील ओझा और ठेकेदार रामभुवन भदौरिया को उपस्थिति दर्ज कराने समंस जारी किया गया है।

डिजिटल साक्ष्य में लेनदेन के इनपुट

ईडी ने 28 दिसंबर 2024 को कवासी लखमा, उनके पुत्र और करीबी लोगों के रायपुर, धमतरी, कोरबा स्थित 7 ठिकानों में छापे मारकर डिजिटल एविडेंस बरामद किए था। इस संबंध में जिन लोगों के पूर्व में बयान दर्ज किए गए हैं उनमें काफी समानता है। पूछताछ में आबकारी अफसर इकबाल खान, जयंत देवांगन ने इस बात की पुष्टि की है कि उन लोगों के द्वारा पैसों की व्यवस्था कर पूर्व मंत्री के यहां भेजा जाता था। भेजी गई रकम कलेक्ट करने का काम कन्हैया लाल कुर्रे करता था।

गृह प्रवेश रुका

कवासी लखमा रायपुर के न्यू पुरैना विधायक कॉलोनी में 80 लाख रुपए की लागत से मकान का निर्माण कराया है। इसका उदघाटन होना था। इसके एक दिन पूर्व ईडी द्वारा गिरफ्तार करने के कारण कार्यक्रम को आगे बढ़ा दिया गया है। बताया जाता है कि इस मकान के निर्माण के संबंध में कवासी लखमा से ईडी पूछताछ कर रही है। हालांकि इसके संबंध में उनके अधिवक्ता का कहना है कि 15 लाख उसकी खुद की जमा पूंजी है। 15 लाख रुपए बेटे से और बैंक से लोन लिया गया है।


 

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