
चांद की रोशनी में खीर रखकर अगले दिन खाने से शरीर को मिलते हैं कई फायदे
रायपुर (खबरगली) साल की 12 पूर्णिमा तिथियों में से शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। जैसा कि आजकल हर तिथि को लेकर मतांतर चल रहा है, वैसा ही इस बार शरद पूर्णिमा की तिथि को लेकर भी है। वैसे अधिकांश जगहों पर आज यानि 16 अक्टूबर को शरद उत्सव मनाया जा रहा है जबकि कुछ जगहों पर 17 अक्टूबर को मनाने की बात सामने आ रही है। हालांकि, कुछ विद्वान सूर्योदय के समय यानी उदिया तिथि को पूर्णिमा तिथि की मान्यता के चलते 17 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा मनाने की बात कह रहे हैं। दरअसल, पंचांग के अनुसार, इस बार पूर्णिमा तिथि 16 अक्टूबर को दोपहर के बाद शुरु होकर 17 अक्टूबर को देर शाम तक रहेगी।
कहते हैं कि इस तिथि की रात में चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होकर अमृत वर्षा करता है। इस अमृत वाली खीर का सेवन करने से कई तरह के शारीरिक और मानसिक परेशानियों से राहत मिलती है।ऐसे में यह खीर विशेषकर चर्म रोगों और मानसिक परेशानी में रामबाण दवा बन जाती है। इसके अलावा, यह आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी मदद कर सकती है। एक अन्य मान्यता के अनुसार, इस रात को चंद्रमा के दर्शन करने से आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।
- Log in to post comments