चुनाव आयोग में शिंदे गुट की बड़ी जीत
मुंबई (khabargali) महाराष्ट्र में शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न को लेकर लंबे समय से चल रही तनातनी पर विराम लग गया है. उद्धव गुट को बड़ा झटका लगा है. चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न धनुष-बाण देने का फैसला किया है. एक तरफ जहां सीएम एकनाथ शिंदे ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया तो वहीं संजय राउत ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया. शिवसेना के नाम और पार्टी के सिंबल पर हक को लेकर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच पिछले कुछ समय से तनातनी चल रही थी. इसी बीच चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है.
सीएम शिंदे बोले- ये लोकतंत्र की जीत
चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि ये लोकतंत्र की जीत है. लोग हमसे जुड़ रहे हैं. ये सत्य की जीत है. ये बालासाहेब के विचारों की जीत है. एकनाथ शिंदे ने कहा कि ये लाखों कार्यकर्ताओं की जीत है.
संजय राउत बोले- ये लोकतंत्र की हत्या
चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट कर कहा कि इसकी स्क्रिप्ट पहले से ही तैयार थी. देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है. जबकि कहा गया था कि नतीजा हमारे पक्ष में होगा. लेकिन अब एक चमत्कार हो गया है. लड़ते रहो. संजय राउत ने कहा कि ऊपर से नीचे तक करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाया है. हमें फिक्र करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जनता हमारे साथ है. लेकिन हम जनता के दरबार में नया चिह्न लेकर जाएंगे और फिर से शिवसेना खड़ी करके दिखाएंगे, ये लोकतंत्र की हत्या है.
राज ठाकरे की यह प्रतिक्रिया रही
इस पर उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई राज ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले के बाद बाला साहेब ठाकरे का ऑडियो शेयर किया. जिसमें वह कह रहे हैं कि पैसा गया तो फिर कमा लिया जाएगा. लेकिन नाम गया तो कभी वापस नहीं आएगा. मनसे के अध्यक्ष राज ठाकरे ने ऑडियो ट्वीट किया और लिखा, "बालासाहेब द्वारा दिया गया 'शिवसेना' का विचार कितना सही था, आज हम एक बार फिर जानते हैं..." भाई उद्धव से शिवसेना का नाम और चिह्न छिनने के बाद राज ठाकरे ने जो ऑडियो ट्वीट किया है, उसमें बाला साहेब ठाकरे का भाषण है. जिसमें वह कह रहे हैं, "पैसा आता है और जाता है. पैसा जाएगा तो वापस कमा लिया जाएगा, लेकिन एक बार नाम गया तो कभी वापस नहीं आएगा. इसलिए नाम बड़ा करो. नाम ही सब कुछ है."
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