वरदान से कम नहीं 102 महतारी एक्सप्रेस सेवा

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-एक वर्ष में 9.54 लाख से अधिक की सेवा 7,386 कोविड-19 मरीजो को भी पहुंचाया लाभ 

शहरी क्षेत्रों और सुदूर ग्रामीण इलाकों के लोगों को भी मिल रही सेवा

रायपुर (khabarhali) मातृत्व सुरक्षा एवं शिशु सुरक्षा के उद्देश्य से शुरू की गई महतारी एक्सप्रेस 102 सुविधा वरदान साबित हो रही है। महतारी एक्सप्रेस सेवा 102 के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को अस्पताल और अस्पताल से घर पहुंचाया जाता है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मातृत्व एवं शिशु सुरक्षा की जिम्मेदारी को जीवीके इमरजेंसी मैनेजमेंट एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट (जीवीके ईएमआरआई) को सौंपा गया है। संस्था ने यह जिम्मेदारी निभाते हुए निभाते हुए महतारी एक्सप्रेस एंबुलेंस सेवा 102 के जरिए जनवरी 2021 से मई 2022 तक कुल 9.54 लाख से अधिक मरीजों की सहायता की है, जिसमें 7,386 कोविड-19 के मरीज भी शामिल हैं। कोविड काल के दौरान भी महतारी एक्सप्रेस के कर्मचारी अपनी सेवा में तत्पर रहे हैं।

इसी क्रम में जनवरी 2021 से मई 2022 के दौरान महतारी एक्सप्रेस 102 ने 7,000 से अधिक कोविड मरीजों को अस्पताल पहुंचाया है। इनमें सर्वाधिक रायगढ़ के 1,610, जशपुर के 1,127, तथा बीजापुर के 969 मरीजों को लाभ मिला है। इसके अलावा सुकमा के 943, नारायणपुर के 565, बस्तर कांकेर के 534, राजनांदगांव के 406 तथा बालोद के 287 मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाया गया। प्रदेश में अगस्त 2013 में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बिलासपुर से 21 एंबुलेंस के साथ 102 महतारी एक्सप्रेस की सेवा की शुरूआत की गई थी।

वर्तमान में 324 एंबुलेंस सेवा जीवीके ईएमआरआई संस्था द्वारा प्रदेश में 24 घंटे और 365 दिन संचालित की जा रही है। 102 टोल फ्री नंबर पर कॉल करके किसी भी प्रकार की प्रसव संबंधी सहायता, 0 से 1 वर्ष तक के बीमार नवजात शिशु को स्वास्थ्य सहायता एवं नसबंदी सेवा के अंतर्गत इस सेवा का लाभ भी लिया जा सकता है।

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सेवा से मिल रही सुविधा

 102 महतारी एक्सप्रेस एंबुलेंस सेवा से स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं का लाभ लेने वाले कांकेर के रहने वाले सुकांत राय का कहना है: “पड़ोसी महिला को प्रसव पीड़ा हो रही थी। उनके घर उस दौरान कोई भी मौजूद नहीं था, तब मैंने प्रसव पीड़ा के दौरान अस्पताल पहुंचने के लिए 102 को फोन किया। फोन करने के कुछ मिनट बाद ही 102 के कर्मचारी फौरन पहुंचे और महिला को अस्पताल पहुंचाया।102 के कर्मियों के अथक प्रयास से प्रसव पीड़ा से ग्रसित पड़ोसी महिला और उनके नवजात शिशु की जान बच सकी।“

इसी तरह सुकमा के चिकलनाड़ गांव के रहने वाले समीर नाग ने बताया: “मेरी पत्नी गर्भवती थी। चिकित्सक ने उच्च जोखिम गर्भावस्था बताते हुए एहतियात रखने को कहा था। जब मेरी पत्नी राशि को अचानक पेट में दर्द होने लगा, उस वक्त घर से अस्पताल पहुंचने का साधन मौजूद नहीं था इसलिए सरकारी अस्पताल पहुंचाने और वहां से घर पहुंचाने में महतारी एक्सप्रेस के कर्मचारियों ने मदद की।“ “उस दिन मौके पर 102 गाड़ी नहीं पहुंचती तो मेरी पत्नी और बच्चे को कुछ भी हो सकता था।“

मरीजों की सेवा एक नजर में

 शिबू कुमार पीआऱओ ने बताया:” महतारी एक्सप्रेस 102 एंबुलेंस सेवा का लाभ लाखों मरीजों ने लिया है। टोल फ्री नंबर 102 डायल कर कोई भी व्यक्ति कहीं से भी महतारी एक्सप्रेस सेवा का लाभ ले सकता है। 102 महतारी एक्सप्रेस सेवा के जरिए जनवरी 2021 से मई 2022 तक कुल 9.54 लाख से अधिक लोगों की सेवा की गई है। इनमें प्रसव पूर्व जांच-2.84 लाख, प्रसव के लिए अस्पताल पहुंचे-2.19 लाख,

प्रसव के बाद घर वापसी

 3.45 लाख, बड़े अस्पताल रेफर-46,785, 0-1 वर्ष के बच्चे से संबंधित- 51,024 तथा 7,386 कोविड-19 के मरीजों को सेवा प्रदान की है।“

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