Dushyant

मुझे जलने दो..

किसी की आग में जलता हूँ मैं,  तो मुझे जलने दो,
कोई दमकता है मेरी लौ में,      तो मुझे जलने दो ..
मेरी आँख से निकले अश्कों का न हिसाब करना,
इनमे कोई पलता है तो उसे पलने दो..
 मुझे जलने दो..
अपनी ख़ुशी कैसी ख़ुशी,ग़म कैसे पराये
कोई मुस्कुराये मेरे दर्द से तो खुशियाँ लेने दो.. मुझे जलने दो..
खुद नूर ही हो पर्दा जिसका,उसे कौन बुझाए ,
मैं बुझता हूँ उसी नूर में तो मुझे बुझने दो
मुझे जलने दो.....