
दुर्ग (khabargali) इंडियन नेवी ने पहली बार एसएसआर ( सीनियर सेकेंडरी रिक्रूट) के रूप में महिलाओं को शामिल होने का सुनहरा अवसर दिया। इसके पहली महिला बैच में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला अंतर्गत ग्राम बोरीगारका की बेटी हिशा बघेल का चयन हुआ था। ट्रेंनिग पूरी कर हिषा अपने गांव बोरीगारका लौटी, गांव लौटने पर हिशा के भाई कोमल सहित ग्रामीणों ने उसका भव्य स्वागत किया। गांव में रैली भी निकाली गई। भाई कोमल बघेल हिशा को दुर्ग स्टेशन से अपनी गाड़ी में गांव लेकर पहुंचे।
ऐसे हुआ हिशा का चयन
हिशा के भाई कोमल बघेल ने बताया इंडियन नेवी के एसएसआर ( सीनियर सेकेंडरी रिक्रूट) में देशभर से बड़ी संख्या में लड़कियों ने फार्म भरे, इंडियन नेवी अग्निवीर के तहत हुई भर्ती में एसएसआर के रूप में पहली महिला बैच में 560 पदों पर भर्ती होनी थी, इसमें पूरे देश में लगभग 200 महिलाएं चयनित हो पाई। छत्तीसगढ़ से हिशा ने मेरिट बेस में स्टेज 1 को पार कर विशाखापट्नम में आयोजित लिखित परीक्षा दिलाई, इसमें उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया। इसी तरह फिजिकल टेस्ट में भी आगे रहते हुए टाप कर सबसे पहले चयनित हुई।
ट्रेनिंग के दौरान पिता की मौत हुई
हिशा के पिता संतोष बघेल आटो चलाते थे, मगर 12 साल पूर्व कैंसर हो गया उनके इलाज के लिए जमीन व गाड़ी बेचनी पड़ी फिर भी ठीक नहीं हुए। हिशा की ट्रेनिंग के दौरान ही उसके पिता की मौत हो गई लेकिन यह बात घर वालों ने हिशा से छुपाए रखी ताकि उसकी ट्रेनिंग प्रभावित न हो।
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