
रायपुर (खबरगली) छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरियों का सपना देख रहे हजारों युवाओं की उम्मीदें फाइलों में अटकी हुई हैं। राज्य के विभिन्न विभागों और विश्वविद्यालयों में 10 हजार से अधिक पद खाली पड़े हैं, लेकिन भर्ती प्रक्रियाएं वित्त विभाग और परीक्षा एजेंसियों के पास लंबित होने से आगे नहीं बढ़ पा रही हैं।
विश्वविद्यालयों में 2000 से अधिक पद रिक्त
प्रदेश के सरकारी विश्वविद्यालयों में ही 2000 से ज्यादा पद खाली हैं। विधानसभा में फरवरी 2025 में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया था कि पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर में 841, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग में 175, अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर में 192, संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय सरगुजा में 196, शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय बस्तर में 395, शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय रायगढ़ में 62, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में 227, पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर में 91 और मुक्त विश्वविद्यालय बिलासपुर में 76 पद खाली हैं। इनमें शैक्षणिक और अशैक्षणिक दोनों श्रेणियों के पद शामिल हैं।
शिक्षा विभाग की सबसे बड़ी भर्तियां फंसी
प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रस्ताव शिक्षा विभाग से जुड़े हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पांच हजार शिक्षकों की नियुक्ति की घोषणा की थी, लेकिन फाइलें अभी भी वित्त और परीक्षा एजेंसियों के पास पड़ी हुई हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने स्पेशल एजुकेटर के 100 पद भरने की तैयारी की है। राज्य सरकार ने दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए कुल 848 पदों के सेटअप को मंजूरी दी है, जिनमें शुरुआती चरण में केवल 100 पदों पर भर्ती होगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग
आंगनबाड़ी केंद्रों में सुपरवाइजरों के 100 से अधिक पदों की भर्ती प्रस्तावित है। विभाग के संचालक पदुम सिंह एल्मा ने बताया कि प्रस्ताव शासन को भेजा गया है और वित्त विभाग की अनुमति के बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
जेल और जल संसाधन विभाग की स्थिति
प्रदेश की जेलों में 100 प्रहरियों की भर्ती को मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन भर्ती नियमों को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। इस बार लिखित परीक्षा को आसान और शारीरिक परीक्षण को कठिन बनाने पर विचार हो रहा है। इसी तरह जल संसाधन विभाग में अमीन के 50 पदों की भर्ती का फैसला अभी अटका हुआ है। परीक्षा कराने की जिम्मेदारी व्यापमं या पीएससी को सौंपी जाएगी, लेकिन अंतिम निर्णय लंबित है।
स्वास्थ्य और उच्च शिक्षा विभाग
स्वास्थ्य विभाग में 1080 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इनमें से 650 पदों को मंजूरी मिल चुकी है, जबकि 1067 पदों का प्रस्ताव अभी शासन के पास विचाराधीन है। इन पदों में विशेषज्ञ डॉक्टर, अधिकारी, दंत चिकित्सक और वैज्ञानिक शामिल हैं। वहीं, उच्च शिक्षा विभाग ने 2160 असिस्टेंट प्रोफेसर, 130 ग्रंथपाल और 130 खेल अधिकारी के पदों के लिए वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा है।
मुख्य कारण
स्थगित प्रक्रिया: विभिन्न भर्ती प्रक्रियाओं को पूरा नहीं किया गया है, जिससे भर्तियाँ अटकी हुई हैं।
कोई सरकारी नौकरी नहीं: हाल के वर्षों में किसी भी सरकारी विभाग में भर्तियाँ नहीं हुई हैं।
निजी क्षेत्र में सीमित नियुक्तियाँ: एजेंसियों के माध्यम से निजी क्षेत्र में भी बहुत कम लोगों को नौकरी मिली है, जो कि जनवरी 2024 से मध्य 2025 तक लगभग 883 है।
युवाओं की उम्मीदें अधर में
प्रदेश में बेरोजगार युवा लंबे समय से नौकरियों का इंतजार कर रहे हैं। हर विभाग की भर्ती फाइलों और अनुमति प्रक्रियाओं में उलझी हुई है। नतीजा यह है कि हजारों रिक्त पद होने के बावजूद नियुक्तियां आगे नहीं बढ़ पा रही हैं और युवा लगातार भटक रहे हैं। सरकार की धीमी भर्ती प्रक्रिया और नौकरियों की कमी के कारण युवाओं में भारी निराशा है और वे विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। शिक्षा और बेरोजगारी का अंतर: बड़ी संख्या में उच्च शिक्षित युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है, जिससे उनकी उम्मीदें टूट रही हैं।
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