अंबिकापुर (khabargali) प्रदेश की एन्टी करप्शन ब्यूरो इकाई ने फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने अंबिकापुर में 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए उदयपुर एसडीएम भागीरथी खाण्डे, लिपिक धमर्पाल, भृत्य अबीर राम और एसडीएम के गार्ड नगर सैनिक कविराम को गिरफ्तार किया है। समस्त आरोपियों की संपत्तियों के संबंध में भी एसीबी के द्वारा गहन जांच प्रारंभ कर दी गयी है।
यह था मामला
एसीबी में 7 मई को ग्राम जजगा निवासी कन्हाई राम बंजारा में घूस की शिकायत दर्ज करवाई थी। गांव में उनके परिवार की जमीन है। उसके कब्जे वाली जमीन को लेकर कन्हाई राम का बड़े चाचा से विवाद था। जमीन अपने नाम करने के चाचा के आवेदन के खिलाफ उसने तहसील दफ्तर में आवेदन दिया था। तहसीलदार के आदेश के खिलाफ चाचा ने एसडीएम उदयपुर के राजस्व न्यायालय में अपील की थी। इस मामले में उसके तथा अन्य परिजनों के पक्ष में आदेश पारित करने के एवज में एसडीएम उदयपुर बीआर खाण्डे ने 50 हजार रुपए रिश्वत मांगी थी। इतना ही नहीँ प्रार्थी के पक्ष में आदेश करने के एवज में आरोपी एसडीएम ने प्रार्थी एवं उसके परिजनों की ओर से ग्राम जजगा तहसील उदयपुर स्थित 50 डिसमिल जमीन को भी अपने महिला परिचितों के पक्ष में बिक्री आदि करने संबंधी पावर ऑफ अटार्नी निष्पादित करा लिया था। ताकि भविष्य में उक्त जमीन को अपने पक्ष में करा सके। संबंधित पावर ऑफ अटॉर्नी की प्रति भी एसीबी के हाथ लग गयी है।
ऐसे धरे गए भ्रष्टाचारी
आज 21 जून को प्रार्थी को आरोपी एसडीएम को रिश्वत की रकम देने हेतु एसडीएम कार्यालय उदयपुर शाम करीब 6 बजे भेजा गया। एसडीएम ने रिश्वत की रकम को अपने बाबू धरमपाल को लेने कहा। धरमपाल के कहने पर भृत्य अबीर राम को रिश्वत की रकम दी। अबीर राम ने पैसे मिलने के बाद एसडीएम को पैसे मिलने की जानकारी दी। एसडीएम ने पैसा गार्ड नगर सैनिक कविनाथ सिंह को देने कहा था। भृत्य ने वैसा ही किया। पैसे के लेन-देन की पुष्टि होते ही पास ही छिपी एसीबी की टीम ने चारों को दबोच लिया। रिश्वत की रकम जब्त करने के बाद चारों की गिरफ्तारी की गई।
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