गारमेंट्स और कपड़े पर जीएसटी सवा दो गुना बढ़ाये जाने से छग के व्यापारी नाराज़

GST on Garments and Fabrics 1.25 times, Readymade Garments , Clothing Business, Wholesale & Chillar Textiles of Chhattisgarh , Raipur, Khabargali

काली पट्टी लगाकर करेंगे विरोध, बाजार बंद करने की भी तैयारी

विशेष संवाददाता. रायपुर (khabargali) केंद्र शासन के द्वारा रेडीमेड गारमेंट्स एवम कपड़े व्यवसाय पर वर्तमान जीएसटी दर 5 प्रतिशत को बढ़ाकर 12 प्रतिशत 1 जनवरी 2022 से प्रस्तावित किया गया है. छत्तीसगढ़ के थोक एवं चिल्लर कपड़ा व्यवसायियों ने इसका विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग की है. द रायपुर थोक कपड़ा व्यापारी संघ पंडरी के अध्यक्ष चंदर विधानी ने कहा कि इसके खिलाफ हम लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं. हम बांह में काली पट्टी लगाकर कारोबार करेंगे, हो सके तो बाजार बंद भी करेंगे. पंडरी थोक कपड़ा बाजार मुम्बई और कोलकाता के बीच सबसे बड़ा थोक एवं चिल्लर कपड़ा बाजार है.

चंदर विधानी ने बयान जारी कर बताया कि कपड़ा सभी नागरिकों के लिए एक दैनिक उपयोग की वस्तु है. आज भारतवर्ष के अधिकतर आर्थिक आय का साधन कृषि प्रधान है. अधिकांश जनसंख्या का आजीविका का साधन कृषि और रोजगार पर आधारित है. वर्तमान मे कोरोना काल के दौरान प्रत्येक क्षेत्र को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है. सभी उद्योग और कारोबार मे कोरोना का प्रभाव से विकास का स्तर निन्म हो गया है. लोगो के रोजगार का साधन और आय मे भी भारी कमी आ गयी है. कोरोना काल के दौरान सम्पूर्ण भारत वर्ष का कपड़ा उद्योग अभी विकसित हुआ ही नही है ऐसे समय मे केंद्र के द्वारा कपड़े पर 12 प्रतिशत की जीएसटी का प्रस्तावित होना नकारात्मक संकेत सम्पूर्ण भारत वर्ष के कपड़ा उद्योग में ला सकता है. इससे सम्पूर्ण कपड़ा उद्योग का कारोबार का विकसित होने के बजाय धीमी पड़ जाएगी.