RPN के साथ-साथ शशि वालिया (यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता, राजेंद्र अवाना (यूपी प्रदेश सचिव, कांग्रेस) ने भी बीजेपी ज्वाइन की
नई दिल्ली, (khabargali) कांग्रेस के दिग्गज नेता और स्टार प्रचारक आरपीएन सिंह ने आज कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है और बीजेपी में शामिल हो गए हैं. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, दिनेश शर्मा, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अनुराग ठाकुर इस मौके पर मौजूद रहे.
बीजेपी ज्वाइन करने के बाद आरपीएन सिंह ने जेपी नड्डा के साथ-साथ पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह का धन्यवाद किया. वह बोले कि पीएम मोदी ने काफी कम समय में राष्ट्रनिर्माण का कार्य किया है. उन्होंने कांग्रेस की सोच पर सवाल उठाए. वह बोले कि काफी लोग उनको पहले से कहते थे कि मुझे बीजेपी में जाना चाहिए. इसपर मैं यह कहना चाहूंगा कि देर आए दुरुस्त आए.
आरपीएन सिंह के साथ-साथ शशि वालिया (यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता, राजेंद्र अवाना (यूपी प्रदेश सचिव, कांग्रेस) ने भी बीजेपी ज्वाइन की.
बीजेपी में शामिल होने से पहले आरपीएन सिंह ने किया यह ट्वीट
इस चर्चा के बीच आरपीएन सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल का बायो बदल दिया है. उन्होंने यहां से कोंग्रेस पार्टी से जुड़े पद की जानकारी हटाई है. इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भी भेज दिया है. सिंह ने ट्वीट किया कि आज, जब पूरा राष्ट्र गणतन्त्र दिवस का उत्सव मना रहा है, मैं अपने राजनैतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूं. जय हिंद.
स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ उतरेंगे
आरपीएन सिंह को लेकर चर्चा है कि बीजेपी उन्हें पडरौना से स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ उतार सकती है. इसे लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि उनके बीजेपी ज्वॉइन करने से कोई मतलब नहीं है. समाजवादी पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता उन्हें पडरौना से हरा देगा.
कांग्रेस ने उन्हें कायर बताया
कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, 'जो लड़ाई कांग्रेस पार्टी लड़ रही है, उसके लिए बहादुरी की जरूरत है. ये विचारधारा का युद्ध है. कोई कायर ही ऐसा कर सकता है कि वो पूरी तरह विपरीत विचारधारा से जुड़ जाए.'
कभी राहुल ब्रिगेड का थे हिस्सा RPN
आरपीएन सिंह झारखंड कांग्रेस के प्रभारी रहे हैं. आरपीएन सिंह पडरौना से तीन बार विधायक रहे हैं. वो 2009 में कुशीनगर लोकसभा सीट से सांसद भी चुने गए थे. आरपीएन मनमोहन सरकार में राज्य मंत्री भी रहे हैं. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में आरपीएन हार गए थे.
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