न्यायालय ने पांच दिन के लिए ईडी को रिमांड पर सौंपा
रायपुर (khabargali) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करोड़ों रुपए के कस्टम मिलिंग घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए छत्तीसगढ़ स्टेट राइस मिलर्स एसोसिएशन के पूर्व कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर को गिरफ्तार किया है। इससे पहले इनकम टैक्स विभाग ने कार्यवाही की थी, अब ईडी की एंट्री से कई लोगों की मुसीबत और बढ़ेगी। ईडी ने गुरुवार को उसे रायपुर के विशेष न्यायालय में पेश कर रिमांड पर देने का अनुरोध किया। जिस पर न्यायालय ने रोशन चंद्राकर को पांच दिन के लिए ईडी की रिमांड पर सौंप दिया है। ईडी 21 मई को रोशन चंद्राकर को फिर न्यायालय में पेश करेगी।
आरोप है कि एसोसिएशन के पूर्व कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर ने एमडी मनोज सोनी के साथ मिलकर प्रति क्विंटल 20 रुपये रिश्वत वसूली है। रकम मार्कफेड के जिला अधिकारी को दी गई है। उनके माध्यम से उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया गया। इस दौरान करीब 140 करोड़ रुपए से ज्यादा वसूल किया गया है। जो जानकारी आ रही है उसके मुताबिक जिन्होंने रिश्वत दी एमडी ने उनके ही बिल का भुगतान किया। रिश्वत के तौर पर पैसे न देने वालों का भुगतान रोक दिया गया है। कई लोगों के बिल का भुगतान आज तक नहीं किया गया है।
उधर एमडी मनोज सोनी को 28 मई तक जेल भेज दिया गया है। माना तो ये जा रहा है कि मनोज से पूछताछ के बाद ही ईडी ने राइस मिल एसोसिएशन के पदाधिकारी रोशन चंद्राकर को गिरफ्तार किया गया है। ईडी को एमडी मनोज सोनी और रोशन के मोबाइल में मिले चैट, ट्रांजेक्शन के संबंध में पूछताछ की जा रही है।
चंद्राकर के जरिए मिलरों से ऐसे होती थी वसूलीे
बताया गया कि मनोज सोनी अक्टूबर 2022 से अक्टूबर 2023 तक मार्कफेड के प्रबंध संचालक के पद पर पदस्थ थे। उस दौरान राइस मिलर्स से अवैध वसूली की एक संगठित प्रणाली बनाई गई। ईडी ने आयकर जांच विंग रायपुर द्वारा दायर अभियोजन शिकायत के खुलासे के आधार पर जांच शुरू की। इसमें यह आरोप लगाया था कि राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मार्कफेड के अधिकारियों से मिलीभगत कर विशेष प्रोत्साहन का दुरुपयोग और रिश्वत कमाने की साजिश रची। राज्य सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि 40 रुपए से बढ़ाकर 120 रुपए प्रति क्विंटल धान का भुगतान दो किस्तों में किया गया। राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मार्कफेड के तत्कालीन प्रबंध संचालक मनोज सोनी के साथ मिलकर रिश्वत की रकम वसूलना शुरु कर दिया। नकद राशि का भुगतान करने वाले राइस मिलर्स का विवरण जिला राइस मिलर्स एसोसिएशन द्वारा संबंधित जिला विपणन अधिकारी को भेजा गया। राइस मिलर्स के बिल प्राप्त होने पर जिला विपणन अधिकारी ने संबंधित जिला राइस मिलर्स एसोसिएशन से प्राप्त विवरण की जांच की। इसके बाद यह जानकारी मार्कफेड के मुख्य कार्यालय को दी गई। मार्कफेड के प्रबंध संचालक द्वारा केवल उन्हीं राइस मिलर्स के बिलों को भुगतान के लिए मंजूरी दी गई, जिन्होंने एसोसिएशन को नकद राशि का भुगतान किया है।
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